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यहां के आदिवासी मर्दों के पीछे पागल है विदेशी महिलाएं, प्रेगनेंट होने के लिए देती है पैसे

Ladakh Tourism: लद्दाख के आर्य वैली गांव में विदेशी महिलाएं क्यों प्रेग्नेंट होने आती हैं? जानिए ब्रोकपा जनजाति और प्रेग्नेंसी टूरिज्म से जुड़ी पूरी सच्चाई.

Ladakh Tourism: लद्दाख भारत का ऐसा जगह है जहां हर कोई घूमने के लिए जाना चाहता है. दरअसल यहां की खूबसूरती ही ऐसी है कि लोग यहां के प्रकृतिक सौंदर्य की ओर खींचे चले आते हैं. लेकिन अगर हम आपको कहें कि लद्दाख के एक गांव में महिलाएं प्रेगनेंट होने के लिए आती है तो आपको यकीन नहीं होगा. यह गांव कारगिल से करीब 70 किलोमीटर दूर है, जिसे आर्य वैली कहा जाता है.

कौन रहते हैं इस गांव में?

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस गांव में ब्रोकपा जनजाति के लोग रहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये लोग सिकंदर महान की सेना के वंशज हैं. कुछ लोग मानते हैं कि ये दुनिया के आखिरी “शुद्ध आर्य” हैं. हालांकि, इसके कोई पक्के सबूत नहीं हैं, लेकिन उनकी लंबी कद-काठी, अलग चेहरा-मोहरा और मजबूत शरीर की वजह से ऐसी कहानियां प्रचलित हैं.

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क्यों आती हैं विदेशी महिलाएं?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप और दूसरे देशों की महिलाएं इस गांव में इसलिए आती हैं ताकि वह ब्रोकपा पुरुषों से बच्चा पैदा कर सकें. उनका मानना है कि इन लोगों के शरीर की बनावट बहुत अच्छी होती है, अगर वह उनके साथ शारीरिक संबंध बनाएं तो उनके बच्चे भी उनके जैसे ही होंगे.

शारीरिक संबंध बनाने के लिए देती हैं पैसे

ऐसा भी कहा गया है कि विदेशी महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बदले पुरुषों को पैसे भी देती हैं. पहले इस गांव के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया के कारण अब यहां विदेशी महिलाएं ज्यादा आने लगी हैं.

क्या यह सब सच है?

ब्रोकपा आदिवासी समुदाय खुद को आर्य बताता है, लेकिन इसके बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण या डीएनए जांच मौजूद नहीं है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि “प्रेग्नेंसी टूरिज्म” जैसी बातें असली कम और कहानियां ज्यादा लगती हैं. हो सकता है कि यह कुछ लोगों के अनुभव पर आधारित हो, लेकिन इसे पूरी सच्चाई मान लेना सही नहीं होगा. वहीं The Parrey नामक यूट्यूबर ने जब इस गांव का दौरा करके एक जोबांग डोलमा नामक बूढ़ी महिला से बात किया तो उन्होंने कहा कि पहले ऐसा होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होता. वहीं, कुछ स्थानीय पुरुषों का कहा कि प्रेगनेंसी वाली बात सच है. ऐसा अब भी होता है. यूरोप से आने वाली महिलाएं दो-दो महीने यहां रूकती है, लेकिन नाम खराब होने की वजह से खुलकर कोई इसका खुलासा नहीं करता है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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