Premanand Ji Maharaj: कई लोग होते हैं उनके जिंदगी में चल रही परेशानियों को बुरी नजर या टोटका बताते हैं. वे अक्सर कहा करते हैं कि किसी इंसान को बुरी नजर लग गई है. इससे निजात पाने के लिए कई लोग ढोंगी बाबा का झांसे में फंस जाते हैं. उनसे झाड़-फूंक कराते हैं. हालांकि, कई बार इन चक्करों में पड़कर इंसान अपना बहुत नुकसान करा लेता है. ऐसे ही कई भक्त प्रेमानंद जी महाराज के पास आते हैं और बोलते हैं कि उनके घर पर किसी की बुरी नजर लग गई है या उन पर कोई टोटका कर दिया गया है. ऐसे ही लोगों के लिए प्रेमानंद जी महाराज ने एक बताई है, जो कि लोगों को जरूर सुननी चाहिए. इन बातों को अपने जीवन में उतारकर व्यक्ति इन सब चक्करों से छुटकारा पा सकता है.
प्रेमानंद जी महाराज ने बताई वजह
प्रेमनांद जी महाराज कहते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति ये सब नहीं रचता है, बल्कि हमारे भीतर बैठा मन इन सब चीजों की रचना करता है. ये सिर्फ हमारे दिमाग की रचना होती है. इसके अलावा, उन्होंने इन सब चीजों से बचने के उपाय के बारे में भी बताए हैं. जिनको अपनाने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है. इसके अलावा, बुरी नजरों से बचने में भी आसानी होती है. आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज ने कौन-से उपायों का सुझाव दिया है.
यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: अपना ली प्रेमानंद जी की ये बातें, तो याद किया हुआ नहीं भूलेंगे कभी
यह भी पढ़ें- प्रेमानंद जी महाराज ने तलाक बढ़ने की बताई वजह, हर शख्स को जाननी चाहिए ये बातें
अपनाएं प्रेमानंद जी महाराज के ये सुझाव
- प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि बुरी नजरों से बचने के लिए भगवत पाठ बहुत जरूरी होता है. रोजाना आप एक घंटे भगवत पाठ करते हैं, तो आपको मन की शांति मिलेगी. साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होगा.
- प्रेमानंद जी महाराज ने राधारानी का नाम भी जपने को लेकर कहा है. ऐसा करने से आत्मिक शांति तो मिलती है साथ ही घर की खुशहाली में वृद्धि भी होती है. इसके अलावा, यह बुरी नजर से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है.
- प्रेमानंद जी महाराज ने कहते हैं कि बुरी नजरों से बचने के लिए घर में भगवत पाठ के बाद दीपक और आरती जलाना चाहिए. यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को फैलाने का काम करता है. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि ये काम करीब 2 महीने तक अपनाने चाहिए. इसके बाद आपको खुद-ब-खुद बदलाव दिखने लगेगा.
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.