Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक दिव्य संत थे, जिनका जीवन आज भी असंख्य लोगों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा बना हुआ है. भले ही नीम करोली बाबा अब दुनिया में नहीं हैं, पर उनकी शिक्षाएं, भक्ति और कृपा आज भी लाखों भक्तों के जीवन को प्रेरणा देती हैं. हनुमान जी के प्रति उनकी श्रद्धा ने उन्हें भक्तों की दृष्टि में स्वयं हनुमान का स्वरूप बना दिया. उनके नाम का स्मरण करने से लोगों को अद्भुत शांति और ऊर्जा मिलती हैं. नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आश्रम, जहां बाबा ने साधना की, आज भी ये स्थान आस्था और शांति का केंद्र बना हुआ हैं. यहां देश-विदेश से श्रद्धालु नीम करोली बाबा के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं. ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि कैंची धाम में कंबल चढ़ाने के पीछे क्या मान्यता है और इसे क्यों चमत्कारी माना जाता है?
- मान्यता के अनुसार, नीम करोली बाबा केवल धोती और ऊपर से कंबल ओढ़ते थे. दिखने में ये कंबल भले ही सामान्य थी, लेकिन नीम करोली बाबा के जीवन में इसकी एक विशेष भूमिका थी.
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- कहा जाता है कि नीम करोली बाबा का कंबल केवल ठंड से बचाने का साधन नहीं था, बल्कि उनकी दिव्य शक्तियों का एक माध्यम था. ऐसे में अनेक भक्तों का विश्वास ये है कि जब भी बाबा ने किसी पर वह कंबल डाला, उनके जीवन में चमत्कारी परिवर्तन देखने को मिले थे. इसलिए आज भी जो भी भक्त नीम करोली बाबा को कंबल चढ़ाता है वे इसे अपने घर लेकर आता है.
- ऐसा माना जाता है कि नीम करोली बाबा को कंबल चढ़ाने से हर किसी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते है, जो उनकी हर परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, जो भी भक्त कैंची धाम से यह पवित्र कंबल अपने घर पर लाता है, उसे सुख-शांति का अनुभव जरूर होता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.