Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक महान आध्यात्मिक संत थे, जिनकी उपस्थिति केवल उनके शारीरिक रूप तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनकी आत्मिक शक्ति, विचार और शिक्षाओं से असंख्य लोग प्रभावित हुए. उनका सम्पूर्ण जीवन प्रेम, भक्ति और दूसरों की सेवा में समर्पित था. बाबा ने निस्वार्थ सेवा को ईश्वर की सच्ची भक्ति का जरिया माना और यही संदेश अपने भक्तों को भी दिया. हनुमान जी के प्रति उनका प्रेम और समर्पण इतना गहरा था कि श्रद्धालु उन्हें हनुमान जी का जीवंत रूप मानने लगे. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित उनका आश्रम, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है, आज भी श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है. हर दिन हजारों लोग यहां आकर बाबा के दिव्य दर्शन और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं. ऐसे में अगर आप भी नीम करोली बाबा के दर्शन के लिए कैंची धाम जाने की सोच रहे हैं, तो इन बातों को जरूर ध्यान में रखें, क्योंकि ये बातें कैंची धाम आश्रम पहुंचने मददगार साबित होंगी.
- नीम करोली बाबा का दिव्य धाम कैंची आश्रम नैनीताल जिले से लगभग 17 किमी की दूरी पर है. यहां आप सड़क, फ्लाइट या ट्रेन किसी भी मार्ग से आ सकते हैं. बशर्ते आपको रूट की अच्छी जानकारी होनी चाहिए. अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो आपको काठगोदाम स्टेशन पर उतरना होगा, क्योंकि यहां से कैंची धाम की दूरी महज 38 किमी है. इस स्टेशन से आप शेयरिंग या प्राइवेट अपनी सुविधानुसार किसी भी कैब से किराये पर लेकर जा सकते हैं. इसके अलावा, अगर फ्लाइट से आने की सोच रहे हैं, तो कैंची धाम के पास पंतनगर एयरपोर्ट है. यहां से आश्रम की दूरी 70 किमी है. एयरपोर्ट से आप प्राइवेट या शेयरिंग कैब को बुक कर जा सकते हैं.
यह भी पढ़ें- Neem Karoli Baba: आर्थिक तंगी से हो गए हैं परेशान, तो याद रखें नीम करोली बाबा की ये 3 बातें
- नीम करोली बाबा के आश्रम जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर का महीना है. आपको बारिश के मौसम में जाने से बचना चाहिए, क्योंकि बरसात में आप अच्छे से घूम नहीं सकते हैं. इसके अलावा, अगर आप भीड़-भाड़ से कतराते हैं, तो आपको सुबह-सुबह आश्रम पहुंच जाना चाहिए, क्योंकि इस समय भक्तों की ज्यादा भीड़ नहीं रहती है. ऐसे में आप नीम करोली बाबा का अच्छे से दर्शन कर सकेंगे.
यह भी पढ़ें- Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा की ये 3 अनमोल सीख, जो भर देंगी आपके घर की खाली तिजोरी
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.