Osho Quotes: जब जिंदगी में हर रास्ता बंद हो जाए और आगे के लिए कोई भी राह न दिखाई दे तो उम्मीदें धुंधली पड़ जाती है. ऐसे में इंसान को कोई चीज इंस्टेंट एनर्जी दे सकती है तो वो है किसी महान दार्शनिक द्वारा बताया गया मंत्र. ओशो यानी रजनीश एक ऐसे ही दार्शनिक थे जिन्होंने बहुतों के जीवन जीने के तरीके को ही बदल रख दिया. उनके द्वारा बताए गए मार्ग आज भी लाखों लोगों की जिंदगी में रोशनी की तरह काम कर रहे हैं. खासकर उनलोगों के लिए जो नाउम्मीदी, डिप्रेशन या हताशा से जूझ रहे हैं. उनके लिए ओशो के ये 5 विचार एक नई सुबह की किरण बन सकते हैं.
वर्तमान में जीना ही असली जीवन है
ओशो का कहना था कि “अतीत जा चुका है, भविष्य अभी आया नहीं है. उनके ऐसा कहने का मतलब था कि इंसान की ज्यादातर परेशानियां अतीत के पछतावे या भविष्य की चिंता से आती है. अगर हम पूरी तरह से वर्तमान में जीना सीख लें, तो तनाव और चिंता खुद-ब-खुद दूर हो जाएंगी.
प्रेम सबसे बड़ा धर्म है
“प्रेम करना सीखो, क्योंकि प्रेम ही एकमात्र ऊर्जा है जो जीवन को सार्थक बनाती है.” ओशो कहते हैं कि अगर आप अंदर से टूटे हुए हैं, तो प्रेम का रास्ता अपनाइए. प्रेम का मतलब सिर्फ किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि खुद के जीवन और प्रकृति से भी है. खुद से प्रेम इंसान के भीतर उम्मीद का संचार करता है.
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खुद को स्वीकार करना शुरू करो
ओशो ने हमेशा खुद को न बदलने की सलाह दी है. उनका कहना था कि “तुम जैसे हो, वैसे ही सुंदर हो. इसलिए खुद को बदलने की नहीं, समझने की जरूरत है.” बहुत से लोग दुखी इसलिए होते हैं क्योंकि वे खुद को दूसरों से कमतर आंकते हैं. ओशो ने हमेशा आत्म-स्वीकृति को प्राथमिकता दी. उन्होंने कहा कि जब इंसान खुद को स्वीकार करना शुरू करता है, तभी अंदर से सशक्त बनता है.
जीवन एक खेल है, उसे गंभीरता से नहीं मस्ती से जियो
ओशो का मानना था कि “गंभीर होना मौत का लक्षण है, जीवन को हमेशा हंसी मजाक से जीना चाहिए.” उन्होंने जीवन को एक उत्सव की तरह देखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हंसना, खेलना, नाचना और जी भरकर जीना ही असली आध्यात्म है. निराशा उसी जगह आती है जहां जिंदगी से खेल खत्म हो जाता है.
भीतर की आवाज को सुनो, बाहर की दुनिया को नहीं
ओशो का साफ कहना था कि हमेशा अपने दिल की बात सुननी चाहिए. उनका साफ कहना था कि बाहर के लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने की बजाय, अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनना चाहिए. उनका मानना था कि जब इंसान भीतर से जुड़ता है, तब वह टूटता नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में मजबूत खड़ा रहता है.
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