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Osho Quotes: ओशो के अनुसार पैसा कमाना कोई पाप नहीं है, बशर्ते वह ईमानदारी, रचनात्मकता और आनंद से कमाया जाए. जानिए ओशो के वो 5 धन मंत्र जो आपको मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक समृद्धि की राह दिखाते हैं.

Osho Quotes: धन कमाना हर व्यक्ति की चाहत होती है, लेकिन बहुत से लोग पैसे को लेकर या तो अति लालच में पड़ जाते हैं या फिर इसे त्याग और अध्यात्म से विरोधाभासी मान लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओशो ने भी धन के विषय में बहुत स्पष्ट और आधुनिक विचार रखे हैं? उनके अनुसार सही सोच और दृष्टिकोण से अर्जित किया गया धन हमारे जीवन को समृद्ध बनाता है. यह आत्मिक संतुलन के साथ-साथ स्वतंत्रता भी देता है. ओशो ने धन कमाने को लेकर कुछ बेहद महत्वपूर्ण “मंत्र” या सिद्धांत बताए हैं, जो आज के समय में भी उतने ही प्रासंगिक हैं.

ओशो ने धन अर्जित करने को लेकर क्या मंत्र दिये हैं

धन साधन है, लक्ष्य नहीं

ओशो ने साफ कहा है कि पैसा जीवन जीने का साधन होने चाहिए न कि अंतिम उद्देश्य. जब तुम इसे साधन की तरह अपनाते हो, तो यह तुम्हारे लिए गुलाम बन जाता है, लेकिन जब तुम उसे लक्ष्य बना लेते हो, तो तुम खुद उसके गुलाम बन जाते हो.” इसका मतलब साफ है कि पैसा जरूरी है, लेकिन वह आपकी आत्मा या रिश्तों से बड़ा नहीं होना चाहिए.

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अधिक धन कमाना पाप नहीं, लेकिन उसके पीछे पागल होना मूर्खता है

ओशो के अनुसार, समाज में अत्याधिक धन कमाने वालों को शक की निगाहों से देखा जाता है, जबकि यह सोच गलत है. “धन कमाना तभी पाप है, जब वह दूसरों की पीड़ा या बेईमानी करके कमाया जाए जाए. लेकिन जब वह रचनात्मकता, बुद्धिमत्ता और ईमानदारी से आता है, तो वह एक अनमोल उपहार है.”

पैसा आत्मनिर्भरता की कुंजी है

ओशो मानते थे कि सच्चा ध्यान और साधना तभी संभव है जब व्यक्ति मूलभूत जरूरतों से मुक्त हो. उनका मानना था कि अगर इंसान के पास पेट भरने के लिए रोटी नहीं है, तो ध्यान करने की बात मूर्खता है. उसका उद्देश्य पहले अपने जरूरत को पूरा करने की तरफ होना चाहिए, फिर ध्यान की ओर” इसलिए उन्होंने धन को आत्मनिर्भरता का माध्यम माना है. इसके बाद ही आध्यात्मिक उन्नति की ओर पहला कदम बढ़ाया जा सकता है.

जो कार्य तुम्हें आनंद दे, वही धन का सही स्रोत है

ओशो बार-बार कहते थे कि पैसा उस काम से आना चाहिए जिसे करते समय तुम्हें खुशी मिले. “जो काम तुम सिर्फ पैसों के लिए कर रहे हो, वो गुलामी है. लेकिन जो काम तुम आनंद से कर रहे हो, तो पैसा खुद ब खुद तुम्हारे पीछे आएगा. अथार्त, अगर आप अपने पैशन को प्रोफेशन बना सकें, तो पैसा बिना बोझ के खुद आने लगता है.

धन का प्रवाह जरूरी है, संचय नहीं

ओशो का कहना था कि पैसा भी एक प्रकार की ऊर्जा है, जो बहती रहनी चाहिए. “धन को बहने दो, अटकने मत दो. जो रुकता है, वह सड़ता है. पैसा भी अगर रुका रहे तो दुःख लाता है. उसे बांटो, लगाओ, खर्च करो वह फिर दोबारा वापस आएगा.” यानी इन्वेस्टमेंट, उदारता और शेयरिंग तीनों ही धन को बढ़ाने की कुंजी हैं.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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