Silent SOS Symptoms: बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से हमारे शरीर में कई ऐसी खतरनाक बीमारियां प्रवेश कर जाती है जो हमें दिखाई नहीं देती लेकिन हमें महसूस जरूर कराती है. इसे हम साइलेंस सिम्टम्स कहते हैं. कई बार हम इसे सामान्य लक्षण समझकर इग्नोर कर देते हैं, क्योंकि हमें उसमें कोई गंभीर समस्या नजर नहीं आती है. लेकिन मेडिकल रिसर्च की मानें तो कुछ सिम्टम्स ऐसे होते हैं जिसे अगर वक्त रहते नहीं समझा गया तो हम कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाएंगे.
लगातार थकावट आना
कामकाज के करते करते शरीर में थकावट होना आम बात है. लेकिन कई बार पर्याप्त आराम करने के बाद भी सुस्ती बनी रहती है तो हमें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि यह क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम (CFS) का लक्षण हो सकता है. कार्डियक केयर पीसी.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार इससे न सिर्फ हमें शारीरिक रूप से थकान महसूस होता है बल्कि मानसिक‑शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है
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बिना किसी भारी काम के सांस फूलना
कई बार हम हल्की गतिविधि करते हैं फिर भी हमारा सांस फूलने लगता है. जैसे- सीढ़ियां चढ़ना या थोड़ी दूर पैदल वॉक करना के बाद हमें थकान महसूस होने के साथ हमारी सांस फूलने लगे तो हमें समझ जाना चाहिए कि यह आम लक्षण नहीं है. हेल्थ.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार अचानक सांस फूलना, थकावट या बेचैनी जैसे लक्षण है तो यह हार्ट फेल्योर, कोरोनरी डिजीज की ओर भी इशारा कर सकती है.
तेज दिल की धड़कन, चक्कर आना, सांस की रफ्तार बढ़ जाना
कई बार काम करते करते ऐसा होता है कि इंसान के दिल की धड़कन तेज होने के साथ साथ हमारी सांस लेने की रफ्तार बढ़ जाती है. कई बार इसमें लोगों को चक्कर तक आने लगता है. एक या दो बार ऐसा होता है तो कोई बात नहीं है. लेकिन हर बार यही हो रहा है तो सचेत हो जाने की जरूरत है. क्योंकि ये संकेत क्लीनिकल डिटीरियोरेशन की शुरुआत हो सकती है. कई डॉक्टरों की मानें तो यह दिल का दौरा पड़ने का पहला का चरण होता है.
बेहद मामूली या बिना लक्षण का स्ट्रोक
कुछ स्ट्रोक ऐसे भी होते हैं जिनमें ज्यादा स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन एमआरआई में असर दिख जाता है. ऐसी घटना साइलेंट स्ट्रोक कहलाती है. अमेरिका में अनुमान है कि सिम्पटोमैटिक स्ट्रोक की तुलना में साइलेंट स्ट्रोक पांच गुणा अधिक होते हैं.
अनचाही वजन घटना, भूख न लगना
कई बार बिनी किसी शारीरिक गतिविधि के भी लगातार वजन घटने के साथ भूख नहीं लगती है. कई लोगों के नाखूनों में भी बदलाव होने लगती है. अगर ये संकेत है तो आपको सचेत हो जाने की जरूरत है. क्योंकि यह कैंसर या हार्मोनल इम्बैलेंस जैसी मेडिकल कारण हो सकता है.
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