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स्वामी विवेकानंद के ये 5 मंत्र बदल सकते हैं युवाओं की सोच, फॉलो कर लिया तो जीत पक्की

Swami Vivekananda Death Anniversary: अगर आप जिंदगी में बार-बार असमंजस, तनाव या असफलता का सामना कर रहे हैं, तो स्वामी विवेकानंद के इन 5 अनमोल मंत्रों को अपनाइए. आत्मविश्वास, चरित्र निर्माण, राष्ट्रप्रेम और मानसिक संतुलन जैसे मूल्यों पर आधारित उनके विचार युवाओं के जीवन की दिशा बदल सकते हैं.

Swami Vivekananda Death Anniversary: जिंदगी की राह में युवा आज कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं. वे अक्सर जीवन के हर मोड़ पर असमंजस में फंस जाते हैं. उन्हें समझ नहीं आता है उन्हें कदम क्या उठाना चाहिए. ऐसे में स्वामी विवेकानंद के विचार आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में नयी दिशा दिखा सकते हैं. क्योंकि वे केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं, बल्कि युवाओं के लिए एक रोल मॉडल थे जिन्होंने आत्मबल, चरित्र, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम पर जोर दिया. आज हम उनके उन बातों को बताएंगे जिनसे आज के युवा को सीख लेनी चाहिए.

आत्म-विश्वास था स्वामी विवेकानंद का सबसे बड़ा संदेश

स्वामी विवेकानंद का सबसे बड़ा संदेश था- “अपने आप पर विश्वास करो”. उनका साफ कहना था कि जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करेंगे, तब तक कोई दूसरा भी आप पर भरोसा नहीं करेगा. आज के युवाओं को चाहिए कि वे खुद को दूसरों से तुलना करने के बजाय अपनी क्षमताओं को पहचानें और आत्मबल के साथ आगे बढ़ें.

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शिक्षा का असली उद्देश्य चरित्र निर्माण

स्वामी विवेकानंद का मानना था कि “शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, मानसिक ताकत और आत्मनिर्भरता होनी चाहिए.” आज जब युवा केवल अच्छी डिग्री और बेहतर नौकरी के पीछे भाग रहे हैं, उन्हें विवेकानंद के इस दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व और सोच को विकसित करने की सीख लेनी चाहिए.

राष्ट्रप्रेम और जिम्मेदारी होनी चाहिए युवाओं की सोच

स्वामी विवेकानंद ने युवाओं से कहा था, “तुम युवा हो, राष्ट्र की नींव हो, अपने कंधों पर भारत का भविष्य उठाओ.” ऐसे में आज के युवाओं को केवल अपने करियर के बारे में नहीं, बल्कि समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के बारे में भी सोचना चाहिए.

मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन

स्वामी विवेकानंद का जीवन योग, ध्यान और अनुशासन से भरा था. उनका मानना था कि मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति पाने के लिए रोज थोड़ी देर ध्यान और आत्मचिंतन जरूरी है. यह आज के तनावग्रस्त युवाओं के लिए सबसे जरूरी है.

डर पर विजय और कार्य में निरंतरता जरूरी

स्वामी विवेकानंद कहते थे, “डरो मत, आगे बढ़ो!” वे हमेशा कठिनाइयों से भागने के बजाय उन्हें चुनौती देने की बात करते थे. उन्होंने युवाओं को बताया कि असफलता से डरें नहीं. क्योंकि इससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

स्वामी विवेकानंद के इन प्रेरणादायक विचारों से भी काफी कुछ सीख सकते हैं युवा

  • “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए.”
  • “जो आग तुम्हारे अंदर है, उसे बुझने मत दो.”
  • “ताकत जीवन है, मृत्यु कमजोरी”
  • “सच्ची सफलता वही है जो दूसरों के जीवन में भी रोशनी लाए.”

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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