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Bihar Tourism: इस प्राचीन मंदिर में करें परोपकार की देवी मंगला गौरी की आराधना

Bihar Tourism: गया में स्थित मंगला गौरी मंदिर की गिनती 18 महाशक्तिपीठों में की जाती है, जो बिहार के प्रमुख दर्शनीय धार्मिक स्थलों में शामिल है. इस मंदिर का जिक्र हिंदू धर्म के पुराणों और ग्रंथों में भी मिलता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं मंगला गौरी मंदिर से जुड़ी कुछ विशेष बातें.

Bihar Tourism: अपने आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्व प्रसिद्ध बिहार, भारत का प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहां कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक जगहें हैं, जिनका जिक्र इतिहास में भी मिलता है. बिहार के इन्हीं प्राचीनतम मंदिरों में शामिल है, गया में स्थित मंगला गौरी मंदिर. यह मंदिर माता सती को समर्पित शक्तिपीठ है. अपने आध्यात्मिक गुणों के कारण प्रसिद्ध मंगला गौरी मंदिर माता सती के 18 महाशक्तिपीठों में से एक है. माता सती के पवित्र शक्तिपीठ न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और भूटान देश में भी मौजूद हैं. अगर आप भी पवित्र शक्तिपीठों के दर्शन का प्लान बना रहे हैं तो जरूर आएं मंगला गौरी मंदिर.

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18 महाशक्तिपीठों में शामिल है मंगला गौरी मंदिर

अष्टादश महाशक्तिपीठों में शामिल मंगला गौरी मंदिर माता सती को समर्पित एक पवित्र तीर्थ स्थल है. इस मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति अद्भुत है. जब भगवान विष्णु ने माता सती की मृत्यु से आहत महादेव को शांत करने के लिए देवी सती के शरीर के टुकड़े किए थे, तब माता के शरीर के अंग अलग-अलग स्थानों पर गिरे. ये जगह अब शक्तिपीठों के नाम से जाने जाते हैं.

गया के भस्मकुट पर्वत पर माता सती का वक्ष स्थल (स्तन) गिरा था, जो मंगला गौरी मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद है. इस मंदिर का उल्लेख पद्म पुराण, वायु पुराण और अग्नि पुराण के साथ देवी भागवत पुराण और मार्कंडेय पुराण सहित अन्य ग्रंथों में किया गया है. यही कारण है इस प्राचीन मंदिर के प्रति हिंदू धर्म में अपार विश्वास और श्रद्धा है.

मां मंगला के इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां स्थापित देवी परोपकारी है. यही कारण है मंगला गौरी मंदिर में आराधना करने आए भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है. जो भक्त सच्चे मन से माता की पूजा-अर्चना करता है, माता उनकी सभी इच्छाएं पूरी करती हैं. इस कारण मां मंगला को परोपकार की देवी भी कहा जाता है. हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां मंगला के दर्शन करना प्राचीन मंदिर आते हैं.

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कहां है देवी का प्राचीन मंदिर

देवी मंगला गौरी बिहार के गया शहर से कुछ दूरी पर भस्म कूट पर्वत पर विराजमान हैं. माता के इस अति प्राचीन मंदिर तक आने के लिए श्रद्धालु हवाई, सड़क और रेल मार्ग का उपयोग कर सकते हैं.

रेल मार्ग – मंगला गौरी मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन गया स्टेशन है, जहां से इसकी दूरी केवल 4.8 किलोमीटर है. आप गया स्टेशन से टैक्सी या बस पकड़ कर मंदिर तक आ सकते हैं.

सड़क मार्ग – मां मंगला गौरी के दर्शन करने के लिए आप सड़क मार्ग से भी आ सकते हैं. यह मंदिर अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. इस कारण आप किसी भी बड़े शहर से मंदिर तक आने के लिए निजी या सार्वजनिक वाहन का उपयोग कर सकते हैं.

वायु मार्ग – गया में स्थित देवी मंगला गौरी के मंदिर में दर्शन के लिए आप हवाई मार्ग से भी आ सकते हैं. इसका निकटतम हवाई अड्डा गया एयरपोर्ट है, जहां से मंदिर की दूरी केवल 9 किलोमीटर है.

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Rupali Das
Rupali Das
नमस्कार! मैं रुपाली दास, एक समर्पित पत्रकार हूं. एक साल से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यरत हूं. यहां झारखंड राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण सामाजिक, राजनीतिक और जन सरोकार के मुद्दों पर आधारित खबरें लिखती हूं. इससे पहले दूरदर्शन, हिंदुस्तान, द फॉलोअप सहित अन्य प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों के साथ भी काम करने का अनुभव है.

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