National Mountain Climbing Day: हर साल 1 अगस्त को नेशनल माउंटेन क्लाइंबिंग डे मनाया जाता है. यह दिन उन लोगों को समर्पित है जिनके भीतर पहाड़ों की ऊंचाइयों को छूने का जज़्बा और जुनून होता है. यह दिन उन पर्वतारोहियों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने न सिर्फ ऊंची चोटियों को फतह किया, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया कि कोई भी ऊंचाई नामुमकिन नहीं है. इस खास दिन की शुरुआत अमेरिका में 2005 में हुई थी, जब दो दोस्तों बॉबी मैथ्यू और जोशुआ मैडिगन ने न्यूयॉर्क की कठिनतम पर्वत श्रृंखलाओं में से एक एडिरोंडैक हाई पीक्स को सफलतापूर्वक चढ़ा. इसके बाद से हर साल 1 अगस्त को पर्वतारोहण के प्रति प्रेम और साहस को सेलिब्रेट करने का दिन माना जाता है. अगर आप भी ट्रेकिंग या माउंटेन क्लाइंबिंग का शौक रखते हैं, या कभी न कभी अपने जीवन में पहाड़ों की चोटी पर खड़े होकर दुनिया को नीचे देखना चाहते हैं, तो जानिए भारत के कुछ बेहतरीन माउंटेन क्लाइंबिंग डेस्टिनेशन्स:
लद्दाख – स्टोक कांगरी
लद्दाख की सबसे ऊंची चोटियों में से एक, स्टोक कांगरी, लगभग 6,153 मीटर ऊंचा है. यहां चढ़ाई करना आसान नहीं होता. बर्फीले रास्ते, पत्थर और कम ऑक्सीजन लेवल इसे काफी रोमांचक बना देते हैं.
सही समय: जुलाई से सितंबर
उत्तराखंड – बंदरपूंछ और नंदा देवी क्षेत्र
गढ़वाल हिमालय ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों के लिए जन्नत से कम नहीं. नंदा देवी, भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है, जबकि बंदरपूंछ चोटी का रास्ता गंगोत्री ग्लेशियर से होकर जाता है. दोनों जगहें नेचर, चुनौती और सुंदरता का बेहतरीन मेल हैं.
अप्रैल से जून, फिर सितंबर से नवंबर
हिमाचल प्रदेश – फ्रेंडशिप पीक
मनाली के पास स्थित यह पीक लगभग 5,289 मीटर ऊंची है और शुरुआती पर्वतारोहियों के लिए आदर्श मानी जाती है. यहां ग्लेशियर, तेज हवा और बर्फीली ढलानों का सामना करना पड़ता है, जो अनुभव को रोमांचक बना देता है.
सही समय: मई से अक्टूबर
सिक्किम – माउंट कंचनजंगा बेस कैंप
भारत की सबसे ऊंची और दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंगा है. इसकी चोटी तक जाना फिलहाल अनुमति नहीं है, लेकिन बेस कैंप तक की ट्रेकिंग शानदार अनुभव देती है. रास्ते में सिक्किम की लोक संस्कृति और हिमालय की सुंदरता से भरा पूरा सफर होता है.
सही समय: मार्च से मई, या फिर सितंबर से नवंबर
गढ़वाल – कामेट और त्रिशूल चोटी
जो लोग पर्वतारोहण में अनुभवी हैं, उनके लिए कामेट (7,756 मीटर) और त्रिशूल चोटी बेहतरीन विकल्प हैं. ये दोनों चोटियां हिमालय की कठिन और चुनौतीपूर्ण रेंज में आती हैं, जहां बर्फीली चट्टानें, ग्लेशियर और कई मुश्किल मोड़ होते हैं.
सही समय: मई से जून, और सितंबर से अक्टूबर
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