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Char Dham Yatra 2025 : फूलों से सजा केदारनाथ मंदिर, 2 मई को खुलेंगे कपाट

बाबा केदार की पंचमुखी डोली उखीमठ से केदारनाथ धाम की ओर प्रस्थान कर गयी है. केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को खुलेंगे. बर्फीली पहाड़ियों के बीच स्थित भगवान शंकर के इस मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त भगवान की पंचमुखी डोली के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

Char Dham Yatra 2025 : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुरू हो गयी है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट आज अक्षय तृतीया को खुल गये हैं, वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे. केदारनाथ भगवान के शीतकालीन आवास उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से भगवान की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 28 अप्रैल को केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान कर गयी. पंचमुखी डोली में भगवान केदारनाथ के पांच मुख दर्शाये गये हैं. इस डोली में चांदी की सुंदर मूर्ति होती है, जिसकी विशेष पूजा की जाती है.

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से है एक

केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. केदारनाथ उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है और भारत में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इन दिनों यहां का अधिकतम तापमान 7 डिग्री एवं न्यूनतम माइनस 6 डिग्री के आसपास है. पांडवों द्वारा निर्मित इस मंदिर का आदि शंकराचार्य ने नौवीं सदी में जीर्णोद्धार करवाया था. गंगोत्री दर्शन के बाद केदारनाथ यात्रा का विधान है. केदारनाथ की गणना द्वादश ज्योतिर्लिंगों में की जाती है, किंतु वास्तव में यह न मूर्ति का रूप है और न लिंग का. यह एक-डेढ़ हाथ चौड़े, चार हाथ लंबे और दो हाथ ऊंचे प्रस्तर के टीले के समान है.

जानें क्या है पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुरुक्षेत्र युद्ध में कौरवों पर विजय प्राप्त करने के बाद पांडवों को अपने ही सगे-संबंधियों की हत्या का पाप लगा और उन्होंने भगवान शिव से मुक्ति के लिए आशीर्वाद मांगा. भगवान शिव उनसे प्रसन्न नहीं थे और पांडवों को अपनी ओर आता देख केदारनाथ में अंतर्ध्यान हो गये. पांडव उन्हें खोजते हुए यहां भी पहुंच गये, उन्हें अपनी और आता देख भगवान शंकर ने बैल का रूप धारण कर लिया, लेकिन अंततः केदारनाथ में पांडवों ने उन्हें घेर लिया. इसके बाद भगवान शिव जमीन में समा गये और केवल उनका कूबड़ ही सतह पर रह गया. माना जाता है कि यह मंदिर उसी स्थान पर बना है. एक और पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण पार्थिव शिवलिंग बनाकर यहां स्तुति करते थे और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव यहां प्रकट हुए थे.

ऐसे पहुंच सकते हैं केदारनाथ मंदिर 

केदारनाथ जाने के लिए हरिद्वार निकटतम रेलवे स्टेशन है. यहां से टैक्सी या बस से गौरीकुंड तक पहुंच कर 16 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा करनी होती है. पालकी, घोड़ा और हेलीकॉप्टर की सुविधा भी ले सकते हैं. अपनी यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें, जोकि अनिवार्य है.

यह भी पढ़ें : Char Dham Yatra 2025 : अक्षय तृतीया से शुरू हो रही चारधाम यात्रा, यात्रा की ऐसे करें मुकम्मल प्लानिंग

Preeti Singh Parihar
Preeti Singh Parihar
Senior Copywriter, 15 years experience in journalism. Have a good experience in Hindi Literature, Education, Travel & Lifestyle...

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