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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम की सही दिशा, नहीं लगेगा वास्तु दोष

Vastu Tips bedroom direction: वास्तु के अनुसार घर में बेडरूम की दिशा सही नहीं होने से नकारात्मकता आती है. यहां जानें कि शयनकक्ष की दिशा कैसी हो

Vastu Tips : वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर की संरचना और उसमें सामान की व्यवस्था जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, किचन, मास्टर बेडरूम, बच्चों के बेडरूम, शौचालय, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सही दिशा में स्थिति बहुत मायने रखती है.

इन चीजों से आती है घर में नकारात्मकता

  • किचन (रसोईघर) को घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए. यह दिशा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है, और किचन की आग से उत्पन्न ऊर्जा का सही दिशा में प्रवाह सुनिश्चित करती है. इस दिशा में किचन रखने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है.
  • मास्टर बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने की सलाह दी जाती है. यह दिशा स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है, जो गृहस्वामी को मानसिक शांति और स्थायित्व प्रदान करती है. इस दिशा में बेडरूम रखने से गृहस्वामी के जीवन में स्थिरता और संतुलन बना रहता है.

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  • बच्चों का बेडरूम उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यह दिशा वायु तत्व का प्रतीक है, जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अनुकूल है. इस दिशा में बेडरूम होने से बच्चों में आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की भावना बढ़ती है.
  • शौचालय और बाथरूम के लिए दक्षिण दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और स्वच्छता बनी रहती है. पानी की निकासी के लिए उत्तर दिशा का चयन करना चाहिए, जबकि ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को खुला और साफ-सुथरा रखना चाहिए. यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति का स्रोत मानी जाती है.
  • घर के मुख्य दरवाजे को अन्य दरवाजों से बड़ा और भारी बनाना चाहिए, और इसे उत्तर या पूर्व दिशा में खोलने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही, घर की खिड़कियाँ और दरवाजे सम संख्या में हों और पूर्व या उत्तर दिशा में खुलें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे. ध्यान रखें कि तीन दरवाजे एक सीध में न हों और दरवाजे खोलते या बंद करते समय कोई आवाज न हो.
  • पूजा के लिए ईशान कोण सबसे उपयुक्त है, या भगवान की मूर्ति का मुख ईशान दिशा की ओर होना चाहिए. साथ ही, घर के उत्तर या पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से वातावरण में पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है.
  • पूजाघर में पूर्वजों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए; इन्हें दक्षिण दिशा की दीवार पर लगाया जा सकता है. शाम के समय घर में सांध्यदीप जलाना और आरती करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है.
  • भोजन के बाद जूठी थाली लेकर अधिक देर तक न बैठें और न ही जूठे बर्तन देर तक सिंक में रखें. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है. अपनी आय का एक हिस्सा इष्टदेव के नाम पर अलग रखने से घर में हमेशा समृद्धि बनी रहेगी और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

इन वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मकता, शांति, और सुख-समृद्धि का वास बना रहता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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