Vidur Niti: महाभारत महाकाव्य में महात्मा विदुर एक अहम किरदार हैं. उन्हें बलशाली योद्धा के रूप में नहीं बल्कि नीतिशास्त्री के रूप में याद किया जाता है. वे कुशल रणनीतिकार, राजनीतिज्ञ और ज्ञानी थे. उनकी नीतियां एक ग्रंथ में संग्रहीत हैं, जो कि वर्तमान समय में विदुर नीति के नाम से जानी जाती है. इसमें बताई नीतियों की अहमियत आज भी उतनी ही है, जितना महाभारत काल के समय थी. ये नीतियां राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और निजी संबंधों जैसे जीवन के कई पहलुओं से जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा, उन्होंने इस ग्रंथ में धन कमाने से जुड़ी कई बातें बताई हैं. वे कहते हैं कि कुछ तरीकों से बिल्कुल भी धन नहीं कमाना चाहिए.
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लड़ाई-झगड़े से कमाया गया धन
महात्मा विदुर कहते हैं कि व्यक्ति को क्लेश यानी झगड़े से धन की कमाई नहीं करनी चाहिए. ऐसे धन आपके किसी काम के नहीं आता है. लड़ाई-झगड़े से धन की कमाई करने से घर की खुशहाली में बढ़ोतरी के बजाय और ज्यादा परेशानी होती है.
धर्म के उल्लंघन से कमाया गया धन
विदुर नीति में बताया गया है कि धर्म के उल्लंघन और अनैतिक कर्मों से कमाए गए धन से बचना चाहिए. ऐसा धन में व्यक्ति को अपना मन नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ऐसा धन सिर्फ व्यक्ति के लिए विपत्ति लाने का ही काम करता है.
दुश्मनों से प्राप्त किया गया धन
महात्मा विदुर के अनुसार, व्यक्ति को अपने दुश्मनों के सामने सिर झुकाकर धन नहीं प्राप्त करना चाहिए. इस तरह कमाए गए धन में व्यक्ति को अपना मन नहीं लगाना चाहिए. दुश्मनों के सामने सिर झुकाकर प्राप्त किए गए धन से व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
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