22.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Women’s Health Day: मेनोपॉज के दौरान आते हैं कई शारीरिक बदलाव, मेनोपॉज की दिक्कतों से ऐसे करें बचाव

हर वर्ष 28 मई को 'विमेंस हेल्थ डे' के रूप में मनाया जाता है. हर महिला मेनोपॉज या रजोनिवृति के दौर से गुजरती हैं. मेनोपॉज के दौरान कई शारीरिक बदलाव आते हैं, जिनसे ज्यादातर महिलाओं को कई शारीरिक-मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. कुछ बातों का विशेष ध्यान रख कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

Women’s Health Day: मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसकी शुरुआत किशोरावस्था से होती है. किशोरावस्था से महिला की ओवरी से एस्ट्रोजन हार्मोन के रिसाव की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिसमें उन्हें हर महीने महावारी होती है. यह हार्मोन महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम, पेल्विक ऑर्गन, हार्ट, हड्डियों, स्किन की हेल्थ को मेंटेन करता है और ब्रेन गतिविधियों को भी मेंटेन करता है. उम्र बढ़ने पर हार्मोन के रिसाव की प्रक्रिया धीरे-धीरे कम होती जाती है और एक समय बाद बंद हो जाती है. अगर महिला को लगातार 12 महीने तक पीरियड्स न हों, तभी मेनोपॉज माना जाता है.

क्या-क्या होती हैं समस्याएं

मासिक धर्म में अनियमितता, कुछ महीनों के बाद आना या कम आना, दिन में कई बार हॉट फ्लेशैज होना, बहुत गर्मी महसूस होना, बहुत ज्यादा पसीना आना, बैचेनी बढ़ना, रोजमर्रा के काम न कर पाना, रात को नाइट स्वैट्स होना, सोते-सोते अचानक घबराहट से नींद खुल जाना, पूरा शरीर बर्फ की तरह ठंडा होना, लेकिन बहुत ज्यादा पसीना आना, दुबारा जल्दी नींद न आना, मूड स्विंग होना, चिड़चिड़ापन, घबराहट, एंग्जाइटी, गुस्सा आना, वजाइना में ड्राइनेस, जलन या इन्फेक्शन होने से सेक्स लाइफ में मुश्किलें आना, ब्लैडर की मसल्स ढीली पड़ना, जिससे यूरिन रोक न पाना, खांसने-हंसने पर यूरिन लीक होना, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, डिप्रेशन, बातों को भूल जाना जैसी मानसिक परेशानियां होना.

आस्टियोपोरोसिस का खतरा

हार्मोन अंसतुलन से मेनोपॉज के बाद महिलाओं को हड्डियों का कमजोर होना, आस्टियोपोरोसिस होना, जोड़ों में दर्द होना, नजर कमजोर होना, हार्ट अटैक, ब्रेन डिसऑर्डर, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा भी रहता है.

समस्याओं का निदान संभव

मेनोपॉज के शुरू के दो-तीन सालों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है. इंडियन मेनोपॉज सोसाइटी की रिसर्च के हिसाब से मेनोपॉज में महिलाओं की स्थिति के आधार पर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) या नॉन हार्मोनल ओरल मेडिसिन काफी कारगर है. हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी, विटामिन सी के सप्लीमेंट भी दिये जाते हैं. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में होने वाले तनाव को कम करने के लिए उन्हें एंटी डिप्रेसेंट, फाइटो एस्ट्रोजन, सोया-टेबलेट भी दी जाती हैं.

कैसे करें समस्याओं से बचाव

सकारात्मक सोच रखनी चाहिए. मेनोपॉज को बीमारी नहीं, शारीरिक बदलावों की प्राकृतिक प्रक्रिया मानना जरूरी है. अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर और कुछ एहतियात बरत कर वे होने वाली जटिलताओं औैर विभिन्न बीमारियों से बचाव कर सकती हैं.

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं

जिम्मेवारियों के बावजूद दिन में मी टाइम के लिए कुछ समय जरूर निकालें. अपने ऊपर ध्यान दें, खुद से प्यार करें, अपनी खूबियों को सराहें. अपने पसंदीदा काम करें, हॉबीज (जैसे- म्यूजिक सुनना, बागवानी करना, आर्ट एंड क्राफ्ट, अपनी रुचि के लेखन-पठन) को अंजाम दें. एंग्जाइटी से बचने के लिए ब्रेन-जिम में रोजाना कुछ समय बिताएं. क्लब या सोशल वर्क सोसाइटी जॉइन करें. इससे यकीनन अपनी समस्याओं की ओर से ध्यान हटेगा.

लें फैमिली और सोशल सपोर्ट

मेनोपॉज फेज के बारे में परिवार को जरूर अवगत कराएं और परेशानी की स्थिति में उनकी मदद जरूर लें. अकेले न रहें. अपने दोस्तों से संपर्क बनाये रखें, रेगुलर फोन करें, फ्रेंड्स ग्रुप में गेम्स खेलें, चैटिंग करें, टाइम निकाल कर गेट-टू-गैदर, पार्टी या पिकनिक पर जाएं. निश्चय ही स्ट्रेस कम होगा और आप एनर्जेटिक रहेंगी.

नियमित रूप से व्यायाम करें

ओबेसिटी खासकर सेंट्रल ओबेसिटी से बचें, क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों की जड़ हैं. इसके लिए दिन में कम-से-कम 1 घंटा रेगुलर एक्सरसाइज जरूर करें जैसे- वेट बियरिंग एक्सरसाइज, कीगल एक्सरसाइज, कार्डियो एक्सरसाइज, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, ब्रिस्क वॉक, स्वीमिंग, योगाभ्यास. तनावमुक्त रहने के लिए रेगुलर 15 से 20 मिनट मेडिटेशन या प्राणायाम करें. अस्थिक्षरण की समस्या से बचाव के लिए दिन में 20 से 30 मिनट धूप में रहें.

हॉट फ्लैशेज से घबराएं नहीं

कोशिश करें कि अपने आसपास या घर का तापमान ठंडा रखें. ऐसी स्थिति में खुली हवा में टहलें, मेडिटेशन करें और शारीरिक बदलावों के बावजूद सामान्य रहने की कोशिश करें. नाइट स्वैट्स से बचने के लिएकोशिश करें कि किसी बात को लेकर ज्यादा सोचे नहीं, लाइट मूड में रहें. सोने से पहले रात को नॉर्मल पानी से शॉवर लें. ढीले-ढाले कपड़े पहनें. अरोमा ऑयल से हल्की-सी मसाज करें, ताकि थकान दूर हो और नींद अच्छी आये. रात को सोने से कम से कम एक घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं. रिलेक्स होने के लिए पसंदीदा किताब पढ़ें या लाइट म्यूजिक सुनें.

खान-पान का रखें खास ध्यान

पौष्टिक तत्वों से भरपूर बैलेंस डायट लें. डायट में कैलोरी की जगह प्रोटीन, विटामिन, मिनरल रिच खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें. आहार में मौसमी और ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स या बीन्स फैमिली सब्जियां, रंग-बिरंगे फल को ज्यादा-से-ज्यादा शामिल करें. प्रोटीन (दालें, सोयाबीन और उससे बने पदार्थ, मछली) और कैल्शियम (कम वसा वाला दूध और दूध से बने पदार्थ, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, बादाम, अखरोट) की मात्रा बढ़ाएं. दिन में कम से कम 2 चम्मच फ्लैक्स सीड्स और एक मुट्ठी सूखे मेवे नियमित रूप से लें. जंक फूड, फास्ट फूड, डिब्बाबंद फूड, मिर्च-मसालेदार भोजन, चीनी-नमक बहुल खाद्य पदार्थों से परहेज करें. मीठी चीजों से परहेज करें. चाय-कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, अल्कोहल, स्मोकिंग से बचें.

डॉक्टर के पास जरूर विजिट करें

अपनी मेडिकल रिकॉर्ड और फैमिली हिस्ट्री के बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं. अगर डायबिटीज व थायरॉइड जैसी बीमारियां हों, तो जरूर बताएं, ताकि समुचित उपचार हो सके. साल में एक बार होल बॉडी चेकअप जरूर करवाएं- ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थायरॉइड, लिपिड प्रोफाइल, बीएमआइ, बीएमडी, हीमोग्लोबिन की जांच कराएं. सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए 40 साल के बाद दो साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट और मेमोग्राफी स्क्रीनिंग जरूर कराएं. समय-समय पर सेल्फ एग्जामिनेशन करें. किसी भी तरह का अंदेशा हो तो डॉक्टर को कंसल्ट करें.

(स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रागिनी अग्रवाल से बातचीत पर आधारित)

Also Read: Wood Apple: गर्मियों का सुपरफूड है बेल, पोषक तत्वों से भरपूर, डिहाड्रेशन से भी बचाता है यह

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Vivekanand Singh
Vivekanand Singh
Journalist with over 11 years of experience in both Print and Digital Media. Specializes in Feature Writing. For several years, he has been curating and editing the weekly feature sections Bal Prabhat and Healthy Life for Prabhat Khabar. Vivekanand is a recipient of the prestigious IIMCAA Award for Print Production in 2019. Passionate about Political storytelling that connects power to people.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel