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World Bicycle Day 2024: शान की सवारी है साइकिल, एक साइकिल ऐसी भी है, जिससे भर सकते हैं उड़ान

वर्ष 2018 में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेम्बली ने 3 जून को 'वर्ल्ड बाइसिकल डे' के रूप में मनाने की घोषणा की थी, तबसे यह हर साल लोगों को साइकिल का महत्व समझाने और इसके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है.

World Bicycle Day 2024: साइकिल बहुत ही सिंपल व इको फ्रेंडली सवारी है, जो न केवल चलाने में आसान है, बल्कि सबके बजट में भी आसानी से फिट हो जाता है. खास बात है कि साइकिल चलाने के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत भी नहीं पड़ती. यही वजह है कि छोटे बच्चों की यह पसंदीदा सवारी भी है. तुम सब भी साइकिल को अपना साथी जरूर बनाओ. साइकिल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि चाहे कितना भी ट्रैफिक हो या कितनी भी तंग गलियां क्यों न हो यह आराम से वहां से निकल जाता है. बढ़ते प्रदूषण के कारण अब ज्यादातर देश साइकिल को बढ़ावा देने लगे हैं.

किसे कहा जाता साइकिलों का देश

नीदरलैंड्स को दुनिया का बाइसिकल कैपिटल भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की जनसंख्या केवल 170 लाख है, लेकिन यहां साइकिलों की संख्या 2 करोड़ है. यानी प्रति व्यक्ति एक साइकिल से भी ज्यादा. यहीं के शहर एम्सटरडम के लोग कुछ ज्यादा ही साइकिल फ्रेंडली हैं. यहां के लोग कहीं आने जाने के लिए बाइक या कार से ज्यादा साइकिल को तरजीह देते हैं. यही वजह है कि इसे साइकिलों का देश भी कहा जाता है. हालांकि, साइकिल चलाने वालों के मामले में एम्सटरडम नंबर वन नहीं है.

साइकिल चलाने में कोपेनहेगन आगे

इस मामले में कोपेनहेगन ज्यादा आगे नजर आता है और दुनियाभर में साइकिल के इस्तेमाल के मामले में नंबर वन है. यहां 62 प्रतिशत लोग लंबी दूरी के लिए भी साइकिल का ही इस्तेमाल करते हैं. स्कूल और दफ्तर जैसी जगहों पर जाने के लिए तो साइकिल का इस्तेमाल होता ही है. यहां के सभी निवासियों की कुल मिलाकर एक दिन में साइकिल से तय की गयी दूरी लगभग 8 लाख, 94 हजार मील होती है. यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सबसे ज्यादा खर्च साइकिल सवारों के लिए ब्रिज और हाइवे बनाने के ऊपर ही किया जाता है.

गूगल का अनोखा बाइक विजन प्लान

उत्तरी सांता क्लारा काउंटी में मौजूद गूगल के ऑफिस में हजारों साइकिल और ई-बाइक्स यहां काम करने वाले लोगों के लिए मुफ्त में इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध हैं. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि कर्मचारी छोटी-छोटी दूरियों के लिए कार की जगह साइकिल का इस्तेमाल करें. गूगल के हर ऑफिस के एंट्रेंस और एग्जिट में साइकिल और हेलमेट रखने के लिए रैक बने हुए हैं. यहां कर्मचारियों को काम के दौरान अपने बच्चों के साथ भी साइकिल राइडिंग करने की इजाजत है.

ड्रैजिन से आधुनिक साइकिल का निर्माण

वर्ष 1817 में जर्मनी के रहने वाले कार्ल वॉन ड्रैस ने एक ऐसी गाड़ी का आविष्कार किया, जिसे चलाने के लिए घोड़े की जरूरत नहीं थी. दो पहिया वाली यह गाड़ी पैरों को जमीन पर धकेलने से आगे बढ़ती थी. इस मशीन को ड्रैजिन के नाम से जाना गया और इसी से आधुनिक समय की साइकिल का निर्माण हुआ. साइकिल को अपना नाम साइकिल वर्ष 1860 में फ्रांस मिला. वर्ष 1840 तक साइकिल पैर से धक्के मारकर चलती रही. बाद में स्कॉटलैंड के कर्कपैट्रिक मैकमिलन ने आधुनिक फ्रेम के साथ साइकिल का पहला मॉडल बनाया.

पानी पर चलती है यह साइकिल

न्यूजीलैंड की टेक कंपनी मैंटा ने एक ऐसी साइकिल बनायी, जिसे पानी पर चलाया जा सकता है. वॉटरप्रूफ लिथियम आयन बैटरी से लैस इस इलेक्ट्रिक साइकिल में 400 वॉट की मोटर लगी है. यह 100 किलो तक का भार लेकर चलने में सक्षम है. इस साइकिल का वजन सिर्फ 20 किलो है. यही वजह है कि इसे आसानी से कहीं भी लेकर जा सकते हैं. इसे कुछ ही मिनट में असेंबल किया जा सकता है.

उड़ने वाली भी है एक साइकिल

ब्रिटेन में पारावेलो नाम की एक ऐसी दो पहिया साइकिल बनी है, जो झटपट एयरक्राफ्ट में बदल जाती है. यह साइकिल 4000 फुट की ऊंचाई पर 25 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. साथ ही 15 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सड़क पर भी दौड़ सकती है. यह साइकिल इतनी हल्की और छोटी है कि इसे आसानी से हाथ से उठाकर कहीं भी ले जाया जा सकता है. इस साइकिल में एक बड़ा-सा पंखा, फ्यूल टैंक और मूड सकने वाले विंग्स भी हैं. इस साइकिल को एयरक्राफ्ट ग्रेड एल्यूमिनियम से बनाया गया है. टेक ऑफ के लिए इसे बड़े से ग्राउंड की जरूरत होती है.

साइकिल से जुड़े अन्य रोचक तथ्य

  • सबसे लंबी टैंडेम साइकिल में 35 सीटें थीं और यह 20 मीटर से भी ज्यादा लंबा था.
  • जितनी जगह में एक कार खड़ी होती है, उसमें 30 साइकिल आराम से रखी जा सकती है.
  • एक कार के मेंटेनेंस पर जितना खर्च आता है, उससे 20 गुना कम खर्च साइकिल के मेंटेनेंस में लगता है.
  • अगर दुनियाभर में साइकिल चलाने वालों की संख्या 3 गुना बढ़ जाये तो दुनियाभर में होने वाली बाइक एक्सीडेंट की संख्या आधी हो जायेगी.
  • हर वर्ष पूरी दुनिया में करीब 10 करोड़ साइकिलों का निर्माण होता है.
  • वर्ष 1860 से पहले साइकिल जैसा कोई शब्द नहीं था.
  • दुनिया के सबसे तेज साइक्लिस्ट अमेरिका के जॉन होवार्ड हैं.

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Vivekanand Singh
Vivekanand Singh
Journalist with over 11 years of experience in both Print and Digital Media. Specializes in Feature Writing. For several years, he has been curating and editing the weekly feature sections Bal Prabhat and Healthy Life for Prabhat Khabar. Vivekanand is a recipient of the prestigious IIMCAA Award for Print Production in 2019. Passionate about Political storytelling that connects power to people.

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