23.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

2024 से पहले एक साथ नहीं हो पायेंगे लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव

हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा है कि वह चाहते हैं कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों. इससे देश का ढेर सारा पैसा बचेगा. लेकिन, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा है कि वर्ष 2024 से पहले लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव […]

हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा है कि वह चाहते हैं कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों. इससे देश का ढेर सारा पैसा बचेगा. लेकिन, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा है कि वर्ष 2024 से पहले लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी कवायद के लिए संविधान में संशोधन की भी जरूरत पड़ेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की बार-बार वकालत करने के बारे में पूछे जाने पर कृष्णमूर्ति ने कहा कि आदर्श रूप में देखें, तो हर पांच साल पर एक साथ चुनाव कराना अच्छा है. उन्होंने कहा, ‘क्या यह संभव है? जब तक संविधान में संशोधन नहीं होता, तब तक यह शायद संभव नहीं हो.’

इसे भी पढ़ें : जज लोया से जुड़े मामलों की हाईकोर्ट में नहीं होगी सुनवाई, वरिष्ठ महिला वकील को चीफ जस्टिस से क्यों मांगनी पड़ी माफी

पूर्व सीईसी ने कहा, ‘हम विश्वास मत की वेस्टमिंस्टर प्रणाली का पालन करते हैं. यदि हम अमेरिकी प्रणाली का पालन करें, जहां तय कार्यपालिका है, तो कार्यकाल पूरी तरह तय हो सकता है. अगर किसी को सत्ता से बेदखल कर भी दिया जाता है, तो सदन को किसी और का चुनाव करना होता है. उस वक्त तक पहले वाली सरकार अपना कामकाज जारी रखती है.’

उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का एक अन्य ‘विकल्प’ यह हो सकता है कि किसी एक साल में होने वाले सारे चुनाव एक साथ करा लियेजायें. ऐसी सिफारिश संसद की स्थायी समिति ने की थी. इसका भी अध्ययन करने की जरूरत है और इसे लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा. कृष्णमूर्ति ने कहा कि प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य और धन की बचत के हिसाब से देखें, तो एक साथ चुनाव कराना सुविधाजनक हो सकता है.

इसे भी पढ़ें : ऑक्सफैम ने दिखायी अमीर-गरीब की बढ़ती खाई की भयावह तस्वीर, WEF में क्या बोलेंगे नरेंद्र मोदी!

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, बदले की राजनीति, जहरीले प्रचार, दुष्प्रचार और निजी हमलों में कमी आयेगी, क्योंकि वे (चुनाव) पूरे साल नहीं चलेंगे.’ पूर्व सीईसी ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना वर्ष 2019 में तो संभव ही नहीं है, क्योंकि कुछ राज्यों की सरकारों का पांच साल का कार्यकाल तो पिछले साल ही शुरू हुआ है और अगले साल कुछ अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं.

उन्होंने कहा, ‘वे वर्ष 2024 के लिए योजना बना सकते हैं.’ कृष्णमूर्ति ने कहा कि चुनाव आयोग का भी हमेशा से ऐसा ही रुख रहा हैकिलोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथकराये जायें. उन्होंने कहा, ‘इसके लिए राज्य निर्वाचन कानून में संशोधन की जरूरत है. एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए.’

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel