23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मौत के बाद भी तमिलनाडु की राजनीति में करुणानिधि बनाम जयललिता?

चेन्नई : राजनीति में प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है, लेकिन वह कई बार कटुता की हद तक पहुंच जाती है. भारत के कुछ राज्यों के राजनीतिक ध्रुवों के बीच प्रतिद्वंद्विता कटुता की हद तक रही है. ऐसे राज्य में उत्तरप्रदेश व तमिलनाडु का जिक्र किया जाता रहा है. यूपी में मुलायम व मायावती, जबकि तमिलनाडु में एम […]

चेन्नई : राजनीति में प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है, लेकिन वह कई बार कटुता की हद तक पहुंच जाती है. भारत के कुछ राज्यों के राजनीतिक ध्रुवों के बीच प्रतिद्वंद्विता कटुता की हद तक रही है. ऐसे राज्य में उत्तरप्रदेश व तमिलनाडु का जिक्र किया जाता रहा है. यूपी में मुलायम व मायावती, जबकि तमिलनाडु में एम करुणानिधि व जयललिता के बीच राजनीतिक कटुता चरम पर रही. अब जब 94 साल की उम्र में दिग्गज नेता एम करुणानिधि का निधन हो गया है तो एक बार फिर एक बार फिर करुणानिधि व जयललिता की प्रतिद्वंद्विता की चर्चा चल निकली है.

डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने दिवंगत जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक की सरकार से अपने पिता व नेता के लिए मरीना बीच पर जमीन मांगी. इसके लिए वे कल उनके निधन से पहले ही सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री इ पलानीसामी से मिले और आग्रह किया. उन्होंने बकायदा इसके लिए पत्र लिखा. लेकिन, अन्नाद्रमुक सरकार ने जमीन देने से इनकार कर दिया. इसके बाद द्रमुक मामले को कोर्ट में लेकर चली गयी. इसी कारण जब पलानीसामी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो डीएमके कार्यकर्ताओं ने उनका तीखा विरोध किया और उन्हें दुश्मन तक बताया.

अन्नाद्रमुक की दलील है कि करुणानिधि वर्तमान में मुख्यमंत्री नहीं थे, जबकि उक्त जगह पर मुख्यमंत्री कार्यकाल में मरे तीन नेताओं की समाधि बनायी गयी है. इनमें एमजी रामचंद्रन, जयललिता व सीएन अन्नादुरै की समाधि है. अन्नादुरै करुणानिधि के संरक्षक व मार्गदर्शक थे, इसलिए उनके समर्थक उनके बगल में उनकी समाधि निर्माण की मांग कर रहे हैं. जैसे जयललिता की समाधि उनके संरक्षक व मार्गदर्शक एमजी रामचंद्रन के बगल में बनायी गयी.

करुणानिधि व रामचंद्रन एवं जयललिता कट्टर विरोधी थे. सरकार इसके पीछे यह भी तर्क दे रही है कि यह कोस्टल रेगुलेशन वाला इलाका है इसलिए यह जमीन नहीं दी जा सकती, जिसे द्रमुक खारिज कर रहा है. कहा जा रहा है कि वहां चूंकि जयललिता की समाधि है, इसलिए अन्नाद्रमुक नहीं चाहता कि विरोधी नेता की समाधि वहां बने.

द्रमुक कार्यकर्ताओं ने सरकार को धमकी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गयी तो इसके बुरे परिणाम होंगे. इसके मद्देनजर चेन्नई में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं. रेपिड एक्शन फोर्स को उतारा गया है.

बहरहाल,अन्नाद्रमुक सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड परकरुणानिधिकी समाधि के लिए दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है. अगर द्रमुक व अन्नाद्रमुक के बीच यह टकराव बढ़ेगा तो भविष्य में भी इस विवाद की गूंज सुनायी देती रहेगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel