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राफेल सौदा: तारिक अनवर के इस्तीफे के बाद बैकफुट पर पवार, कहा- कभी किसी का नहीं किया समर्थन

बीड (महाराष्ट्र) : विवादित राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथित तौर पर बचाव करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को यह आरोप खारिज करते हुए कहा कि वह ऐसा ‘‘कभी नहीं” करेंगे. उन्होंने दावा किया कि फ्रांस से लड़ाकू विमानों के खरीद के इस अरबों […]

बीड (महाराष्ट्र) : विवादित राफेल सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथित तौर पर बचाव करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को यह आरोप खारिज करते हुए कहा कि वह ऐसा ‘‘कभी नहीं” करेंगे. उन्होंने दावा किया कि फ्रांस से लड़ाकू विमानों के खरीद के इस अरबों डॉलर के सौदे में देश को ‘लूटा’ गया है.

गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि उन्हें नहीं लगता कि फ्रांस से लड़ाकू विमानों की खरीद में मोदी के इरादों के बारे में लोगों में कोई संदेह है. इसे प्रधानमंत्री के बचाव के रूप में देखा जा रहा था. पवार की टिप्पणी पर ऐतराज जताते हुए राकांपा के संस्थापक सदस्य तारिक अनवर और महासचिव मुनाफ हकीम ने पिछले हफ्ते पार्टी छोड़ दी थी. राकांपा प्रमुख का यह बयान ऐसे वक्त आया, जब कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री पर जोरदार प्रहार किया है और वह भविष्य के चुनावों के लिए राकांपा के साथ गठजोड़ करने की कोशिश कर रही है.

पवार ने यहां मराठवाड़ा क्षेत्र में पार्टी की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों ने यह कहते हुए मेरी आलोचना की कि मैंने उनका (मोदी का) समर्थन किया. मैंने उनका (मोदी का) कभी समर्थन नहीं किया और ना कभी करूंगा.” उन्होंने कहा, ‘‘उसने (सरकार ने) विमान खरीदे हैं. मैं यह स्पष्ट रूप से कहता हूं कि सरकार को इस बारे में संसद को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि विमान की कीमत 650 करोड़ रूपये (प्रति विमान) से बढ़ कर 1600 करोड़ रूपया कैसे हो गयी.”

मराठी में किये गये अपने ट्वीट में पवार ने लिखा है, ‘‘बोफोर्स मामले में (80 के दशक में) जब आरोप लगे थे तो (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी के खिलाफ जांच बैठी थी, लेकिन उसमें कुछ नहीं निकला. उस वक्त जिन्होंने जांच की मांग की थी वे अब सत्ता में हैं, लेकिन वे राफेल पर अपना मुंह बंद रखे हुए हैं. इस सौदे में देश को लूटा गया है.”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘‘राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत 650 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,600 करोड़ रुपये तक पहुंचने पर केंद्र को संसद में सफाई देनी चाहिए. इसकी जांच करने की जरूरत है और सौदे के दस्तावेज सभी दलों के समक्ष रखा जाना चाहिए.” इससे पहले पवार की टिप्पणी को मोदी का बचाव करने वाला बताया गया था। इसका भाजपा और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने स्वागत किया था और इसे लेकर पवार का शुक्रिया अदा किया था.

राकांपा प्रमुख ने सोमवार को राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग दोहराई. साथ ही, सरकार से 36 लड़ाकू विमानों की कीमत का ब्योरा भी देने को कहा। पूर्व रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि विमान के तकनीकी ब्योरे को सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है. पवार ने कृषि संकट को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की जबकि 71,000 करोड़ रूपये का कृषि रिण माफ करने के पिछली संप्रग सरकार के फैसले की सराहना भी की.

Prabhat Khabar Digital Desk
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