24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

CAA का विरोध : सुप्रीम कोर्ट का जांच समिति बनाने से इनकार, कहा-याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जायें

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन की घटनाओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने यचिकाकर्ताओं से कहा कि वे राहत के लिए संबंधित […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन की घटनाओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने यचिकाकर्ताओं से कहा कि वे राहत के लिए संबंधित उच्च न्यायालयों में जायें और वही इस तरह की जांच समिति गठित कर सकते हैं.

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सभी याचिकाकर्ताओं को राहत और जांच समिति के गठन के लिए संबंधित राज्यों के उच्च न्यायालय जाने का निर्देश दिया. पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य का संज्ञान लिया कि याचिकाकर्ताओं के आरोपों के प्रत्येक तथ्य को केंद्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने गलत बताया. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की चिंता दो मुद्दों को लेकर है. पहला छात्रों की अंधाधुंध गिरफ्तारियां और घायल छात्रों को समुचित चिकित्सा उपचार नहीं मिलना. हालांकि, सालिसीटर जनरल ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिर्फ दो छात्रों को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है और विश्वविद्यालय के अस्पताल में ही उनका इलाज हो रहा है. वे पुलिस कार्रवाई में जख्मी नहीं हैं, जैसा की याचिकाकर्ता दावा कर रहे हैं.

पीठ ने आरोपों-प्रत्यारोपों का उल्लेख करते हुए कहा कि विवाद की प्रकृति और घटनाओं के मद्देनजर हम समझते हैं कि सारे तथ्यों को एकत्र करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक-एक समिति गठित करना उचित होगा, इसलिए हम याचिकाकर्ताओं को उन उच्च न्यायालयों में जाने का निर्देश देना उचित समझते हैं जिनके अधिकार क्षेत्र में ये घटनाएं हुई हैं. पीठ ने कहा, हम आश्वस्त हैं कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, यदि आवश्यक हुआ, केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों का पक्ष सुनने के बाद शीर्ष अदालत या उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की समिति गठित करते समय जांच के लिए कहेंगे.

पीठ ने स्पष्ट किया यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि उच्च न्यायालय गिरफ्तारी या मेडिकल उपचार को लेकर कोई तथ्य संज्ञान में लाया जाता है तो इसकी पुष्टि के बाद उचित आदेश पारित करेगा. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने यह मुद्दा भी उठाया है कि छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते समय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की अनदेखी की गयी है. पीठ ने सालिसीटर जनरल द्वारा इस तथ्य से इनकार किये जाने के कथन को भी रिकार्ड पर लिया. शीर्ष अदालत ने कहा, हम आश्वास्त हैं कि उच्च न्यायालय इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद तथ्यों का पता लगाने के लिए उचित समिति गठित करने के बारे में सभी पहलुओं को ध्यान में रखेगा. सालिसीटर जनरल ने स्पष्ट रूप से बयान दिया कि अभी तक किसी भी छात्र को गिरफ्तार नहीं किया गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह भविष्य के बारे में कोई बयान नहीं दे सकते.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel