27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

वित्त मंत्रालय ने विभागों से जनवरी-मार्च की तिमाही में व्यय में जल्दबाजी से बचने को कहा

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने सभी विभागों से चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में व्यय में जल्दबाजी से बचने को कहा है. मंत्रालय ने उनसे कहा है कि वे जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पूरे वित्त वर्ष के लिए आवंटित कोष में से व्यय की कुल सीमा 33 प्रतिशत रखें. व्यय सचिव रतन वटल […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने सभी विभागों से चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में व्यय में जल्दबाजी से बचने को कहा है. मंत्रालय ने उनसे कहा है कि वे जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पूरे वित्त वर्ष के लिए आवंटित कोष में से व्यय की कुल सीमा 33 प्रतिशत रखें. व्यय सचिव रतन वटल ने विभागों को भेजे पत्र में कहा है कि सभी विभाग चालू वित्त वर्ष के लिए तय संशोधित सीमा का सख्ती से पालन करें.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यय को स्वीकृत संशोधित सीमा के दायरे में रखा जाए और किसी भी सूरत में इस सीमा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. वटल ने वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार से कहा है कि वे चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के दौरान व्यय की करीब से निगरानी करें और किसी तरह के व्यय में जल्दबाजी से बचें.

पत्र में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के लिए तय 33 प्रतिशत की सीमा और मार्च के महीने में अधिकतम 15 प्रतिशत व्यय की सीमा का सख्ती से पालन किया जाए. अप्रैल से दिसंबर की अवधि में राजकोषीय घाटा :सरकारी व्यय और आय का अंतर: पहले ही बजट अनुमान के 100.2 प्रतिशत के स्तर को छू गया था. सरकार को उम्मीद है कि मार्च में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 प्रतिशत के स्तर पर नियंत्रित किया जा सकेगा जो पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है.

दिसंबर के अंत तक सरकार का कुल राजस्व संग्रहण 5.46 लाख करोडरुपये या पूरे वर्ष के अनुमानित 9.77 लाख करोड रुपये का 55.8 प्रतिशत रहा है. विनिवेश से सरकार ने अभी तक 24,500 करोड रुपये जुटाए हैं जबकि लक्ष्य 43,425 करोड रुपये था. राजकोषीय घाटे की स्थिति अब मार्च के आसपास सुधरनी चाहिए क्योंकि संचार सेवाओं से 45,000 करोड रपये का राजस्व आने की उम्मीद है.

सरकार ने इससे पहले रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान के नेतृत्व में व्यय प्रबंधन आयोग गठित किया था ताकि सार्वजनिक व्यय को तर्कसंगत बनाया जा सके और सब्सिडी घटाई जा सके. आयोग ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी अंतरिम रपट सौंपी है. जेटली आयोग के कुछ सुझावों को आगामी बजट में शामिल कर सकते हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel