23.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

उत्तराखंड मामला : भाजपा ने 5 और कांग्रेस-पीडीएफ विधायकों के समर्थन का किया दावा

देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले मुख्य विपक्षी भाजपा ने आज दावा किया कि सत्ताधारी कांग्रेस और सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के कम से कम पांच और विधायक पाला बदलकर उसकी तरफ आने को तैयार है. भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना […]

देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले मुख्य विपक्षी भाजपा ने आज दावा किया कि सत्ताधारी कांग्रेस और सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के कम से कम पांच और विधायक पाला बदलकर उसकी तरफ आने को तैयार है. भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने यहां बताया कि प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस और पीडीएफ गठबंधन के कम से कम पांच और विधायक हमारी तरफ आने को तैयार बैठे हैं और इनमें से कुछ के पास तो मंत्रिस्तरीय पद भी हैं.

उन्होंने कहा, ‘वे हमारे संपर्क में हैं और अगर 28 मार्च को सदन में सरकार के विश्वास मत पर मतदान के दौरान राज्य विधानसभा का अंकगणित दोनों पक्षों के लिये बराबर रहता है तो वे हमारे पक्ष में खुशी-खुशी आने के लिये तैयार हैं.’ उन्होंने इन विधायकों का नाम बताने से इंकार कर दिया और कहा कि इन विधायकों में सत्ताधारी कांग्रेस और पीडीएफ दोनों के सदस्य हैं. चौहान ने कहा कि हरीश रावत सरकार के मनमाने तरीके से काम करने के तरीके के खिलाफ पार्टी में गुस्सा सतही तौर पर दिखायी दे रही नाराजगी से कहीं ज्यादा है.

यह केवल उन्हीं नौ बागी विधायकों तक सीमित नहीं है जिन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ खुले तौर पर बगावत की है. कुछ अन्य लोग भी उतने ही नाराज हैं और बदलाव होने का चुपचाप इंतजार कर रहे हैं. अगर मौका मिला तो वे हमारे साथ खडे हो जायेंगे. प्रदेश में चल रही राजनीतिक अनिश्चितता में हरीश रावत के मुकाबले भाजपा के लाभ की स्थिति में होने का दावा करते हुए भाजपा नेता ने यहां तक कहा कि नियमों के हिसाब से राज्य विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल दल-बदल कानून के तहत नौ बागी विधायकां को अयोग्य घोषित नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में कानून बिल्कुल साफ है. अध्यक्ष विधानसभा के सदस्य को केवल दो आधार पर ही अयोग्य ठहरा सकते हैं. एक, जब वह सदन में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करे और दूसरा, जब वह दूसरे दल में चला जाये. कांग्रेस के इन नौ विधायकों पर दोनों में से कोई मामला सही नहीं बैठता क्योंकि उनमें से किसी ने न तो पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया और न ही वह किसी दूसरी पार्टी मे शामिल हुए.

इस मामले में चौहान ने कहा कि बागी विधायकों को पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी कैसे ठहराया जा सकता है जब कि अध्यक्ष ने खुद ही बजट विधेयक पर मत विभाजन की मांग को खारिज कर दिया और उसे पारित घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को सदस्यता से अयोग्य घोषित कर भी दिया तो भी अदालत में उनकी कार्रवाई टिक नहीं पायेगी और उत्तराखंड अरुणाचल प्रदेश की राह पर चल निकलेगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel