AAP: दिल्ली गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है. बढ़ती गर्मी के बीच बिजली कटौती को लेकर सियासत भी तेज हो गयी है. आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि भाजपा सरकार बनते ही दिल्ली में बिजली कटौती के मामले बढ़ गए हैं. आप सरकार के दौरान दिल्ली के लोगों को कभी बिजली कटौती का सामना नहीं करना पड़ा. दिल्ली में बिजली कटौती के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा. केजरीवाल ने कहा कि बुधवार को दिल्ली में पीक डिमांड 5462 मेगावाट थी.
इतनी मांग में ही दिल्ली के कई इलाकों में कई घंटे बिजली नहीं आयी. पिछले साल पीक डिमांड लगभग 8500 मेगावाट पहुंच गई थी. फिर भी हमारी सरकार के दौरान दिल्ली में कहीं बिजली नहीं गई. आने वाले हफ्तों में जब दिल्ली में गर्मी और बढ़ेगी और बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी तो क्या होगा? पिछले दस साल में हमने दिल्ली के बिजली सिस्टम को बड़ी मुश्किल से ठीक किया था. कहते हैं किसी भी चीज को ठीक करने में बरसों लग जाते हैं लेकिन उसे खराब दो दिनों में ही कर दिया जाता है.
बिजली कटौती को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी आप
आम आदमी पार्टी बिजली कटौती के मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की रणनीति पर काम रही है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि निजी स्कूलों में फीस वृद्धि, बिजली कटौती, चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं कर भाजपा सरकार आम लोगों को परेशान करने का काम कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री एवं आप विधायक आतिशी ने भी कहा कि बुधवार रात को दिल्ली वाले बहुत परेशान रहे. जगह जगह पर घंटे बिजली कटौती के कारण कॉल आए. लोग बहुत परेशान हैं, लेकिन भाजपा की दिल्ली सरकार सो रही है.
गौरतलब है कि मार्च महीने में भी अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनते ही बिजली कटौती शुरू हो गयी है. इस आरोप का जवाब बिजली मंत्री आशीष सूद ने देते हुए कहा था कि आप सरकार के आखिरी 12 महीने में ही 21600 बिजली कटौती के मामले सामने आए थे. मेंटेनेंस के लिए कुछ जगहों पर बिजली कटौती की जाती है.