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Aayush: भारत के पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में किए गए प्रयास को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहा

देश के परंपरागत चिकित्सा प्रणाली में एआई के उपयोग करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि आयुष के क्षेत्र में भारत में एआई के प्रयोग के बाद रोडमैप तैयार करने में मदद मिली है.

Aayush:चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने में तकनीक का अहम योगदान है. खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का महत्व काफी बढ़ गया है. एआई का प्रयोग सिर्फ आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में नहीं बल्कि आयुष उपचार में भी व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है. देश के परंपरागत चिकित्सा प्रणाली में एआई के उपयोग करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि आयुष के क्षेत्र में भारत में एआई के प्रयोग के बाद रोडमैप तैयार करने में मदद मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयुष प्रणाली की क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक जैसे एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. सरकार का मानना है कि आधुनिक तकनीक के प्रयोग से देश की परंपरागत चिकित्सा प्रणाली जैसे आयुष को जनमानस से जोड़ा जा सकता है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2023 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर सभी को एआई की भावना से प्रेरित होकर सरकारी नीतियां और कार्यक्रम विकसित बनाने को कहा था. सरकार का मकसद सामाजिक विकास और समावेशी विकास के लिए एआई की क्षमताओं का पूरा लाभ उठाना है.

गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा के लिए एक मजबूत वैज्ञानिक तंत्र बनाने के लिए भारत को वैश्विक स्तर पर प्रमुख देश मानता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के एआई और पारंपरिक चिकित्सा के व्यापक ढांचे के तहत वैश्विक सहयोग और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दिखाता है. 


आयुष पद्धति को लेकर बढ़ रही है लोगों में जागरूकता

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी विवरण में देश की एआई-आधारित पहल, अत्याधुनिक तकनीक के जरिये पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों के पहल की सराहना की गयी है. पारंपरिक चिकित्सा की वैश्विक प्रासंगिकता का विस्तार देने में एआई जैसी उभरती तकनीक का अहम योगदान है. सरकार की ओर से आयुष प्रणाली के साथ एकीकृत करके और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल, राष्ट्रीय आयुष रुगणता और मानकीकृत इलेक्‍ट्रॉनिक शब्‍दावली (नमस्ते) पोर्टल और आयुष अनुसंधान पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के कारण भारत  सदियों पुराने चिकित्सा ज्ञान को वैश्विक स्तर पर सामने लाने की कोशिश कर रहा है.

इस मौके पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ दस्तावेज में भारत की ओर से किए गए कई अग्रणी एआई-संचालित इनोवेशन को लेकर सरकार के प्रयासों की सराहना की गयी है. मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके पूर्वानुमानित निदान से लेकर आयुर्वेद ज्ञान और आधुनिक जीनोमिक्स को एक साथ लाने वाली अभूतपूर्व आयुर्जेनोमिक्स परियोजना शामिल है. 

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