Agriculture Scientist: भारतीय कृष वैज्ञानिक डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन 7 मई से लापता थे, जिसके बाद 10 मई को श्रीरंगपट्टण स्थित साईं आश्रम के पास कावेरी नदी के पास उनका शव मिला. नदी के पास से गुजर रहे स्थानीय लोगों ने नदी के पास शव देखा, जिसके बाद लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लाश की बरामदगी की गई, जिसकी पहचान डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन के रूप में की गई.
डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक रह चुके हैं. इनके बेहतरीन कामों के लिए इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. अय्यप्पन मैसुर में अपनी पत्नी के साथ रहते थे. 7 मई को जब वह अपने घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू की गई. घटना के 4 दिन बाद कावेरी नदी के पास उनका शव मिला, जिसके बाद श्रीरंगपट्टण पुलिस द्वारा हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरूकर दिया गया है.
डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन का कृषि में योगदान
डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन एक महान कृषि वैज्ञानिक थे. इन्होंने भारत में हुए ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ में विशेष योगदान दिया था. इसके अलावा उन्होंने मछली पालन के नए और बेहतर तरीकों का विकास किया था. इनके द्वारा विकसित नए तरीकों से देश में मछली पालन की पद्धति पूरी तरह से बदल गई और खाद्य सुरक्षा मजबूत हुई. इस योगदान के कारण 2022 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
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