Air India Plane Crash: सरकार ने अहमदाबाद विमान हादसे की हर एंगल से जांच करने का निर्देश दिया है. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों ने भी शुक्रवार को मेघाणीनगर में दुर्घटनास्थल का दौरा किया था. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो, डीजीसीए, अहमदाबाद अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस सहित अन्य एजेंसियां इस घटना की जांच में शामिल हैं.
#WATCH | Delhi: On high-level committee to probe #AhmedabadPlaneCrash, Air Force Group Captain (retd), Uttam Kumar Devnath says, "The government has made a big decision to check this accident through a terrorist angle, sabotage angle, technical angle, operations angle, and pilot… pic.twitter.com/vOoHFvSrrz
— ANI (@ANI) June 14, 2025
आतंकवादी एंगल से होगी जांच
वायु सेना समूह के कप्तान (retd), उत्तम कुमार देवनाथ ने कहा, “सरकार ने इस दुर्घटना को एक आतंकवादी एंगल, सबोटेज एंगल, तकनीकी एंगल, संचालन एंगल, और पायलट एरर एंगल के माध्यम से जांचने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है. यह भी संभव है कि यह दुर्घटना एक पक्षी हिट के कारण हो सकती है. इसलिए सरकार ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) से शीर्ष जांचकर्ताओं को अहमदाबाद भेजा. वे डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर पर कब्जा कर लेंगे. इसी तरह, एक कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर भी पाया गया है और इसकी जांच की जाएगी. इसके अलावा, वे भी जाएंगे जहां दुर्घटनाग्रस्त उड़ान का मलबा है और विमानन टरबाइन ईंधन से नमूने लेता है. “
जांच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित
विमान हादसे की जांच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति गठित की गई है. जो सोमवार को बैठक करेगी और उम्मीद है कि समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. गुजरात गृह विभाग, गुजरात आपदा मोचन प्राधिकरण, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, वायुसेना के महानिदेशक (निरीक्षण एवं सुरक्षा), नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रतिनिधि भी समिति का हिस्सा हैं. अन्य सदस्यों में खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक और फॉरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक शामिल हैं. आदेश के अनुसार, विमानन विशेषज्ञों, दुर्घटना जांचकर्ताओं और कानूनी सलाहकारों सहित किसी भी अन्य सदस्य को समिति में शामिल किया जा सकता है.
दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी समिति
समिति दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाएगी और यांत्रिक विफलता, मानवीय भूल, मौसम की स्थिति, नियामक अनुपालन और अन्य कारणों सहित इस दुर्घटना के कारकों का आकलन करेगी. आदेश में कहा गया, ‘‘यह आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपयुक्त एसओपी तैयार करेगी. एसओपी में ऐसी घटनाओं को रोकने और निपटने के बारे में श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय तरीके अपनाए जाने की बात भी शामिल होगी.’’ उड्डयन मंत्रालय ने कहा, ‘‘समिति ऐसी घटनाओं से निपटने के बारे में मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगी और देश में पहले हुई ऐसी विमान दुर्घटनाओं के रिकॉर्ड की पड़ताल करेगी.’’
समिति एक व्यापक एसओपी तैयार करेगी
अन्य कार्यों के अलावा, समिति एक व्यापक एसओपी तैयार करेगी और दुर्घटना के बाद के हालात से निपटने एवं प्रबंधन के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों की सभी एजेंसियों तथा संगठनों की भूमिका का सुझाव देगी. मंत्रालय ने कहा कि समिति ऐसी घटनाओं को रोकने और दुर्घटना के बाद की घटनाओं से निपटने के लिए आवश्यक नीतिगत बदलाव, परिचालन सुधार तथा प्रशिक्षण और बेहतर करने का सुझाव देगी. समिति सभी रिकॉर्ड हासिल कर सकती है जिसमें उड़ान डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, विमान रखरखाव रिकॉर्ड, एटीसी (हवाई यातायात नियंत्रण) लॉग और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही शामिल है. विदेशी नागरिकों या विमान निर्माताओं से जुड़े मामले में समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी सहयोग करेगी.
12 जून को दुर्घटना का शिकार हुआ एयर इंडिया का विमान, 270 लोगों की मौत
12 जून को लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान – बोइंग 787 ड्रीमलाइनर – में 242 लोग सवार थे लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद यह मेघाणीनगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दुर्घटना में करीब 270 लोगों की मौत हो गई.