Ajit Doval: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले सप्ताह रूस की राजधानी मॉस्को का दौरा कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, इस दौरे का मुख्य उद्देश्य रूस से बाकी बचे हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की जल्द डिलीवरी सुनिश्चित करना है.
भारत ने रूस के साथ 5 यूनिट S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की डील की थी, जिसमें से कुछ यूनिट्स की डिलीवरी पहले ही हो चुकी है. हालांकि यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते सप्लाई शेड्यूल में देरी हुई है. अब भारत इन शेष सिस्टम्स की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर कूटनीतिक दबाव बना रहा है.
अजीत डोभाल का यह दौरा रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि चीन और पाकिस्तान से जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों के बीच भारत अपनी वायु सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में गंभीर है. S-400 मिसाइल सिस्टम की गिनती दुनिया के सबसे उन्नत एयर डिफेंस प्लेटफॉर्म में होती है, जो दुश्मन के लड़ाकू विमान, ड्रोन और मिसाइलों को लंबी दूरी से ही निशाना बना सकता है.
S400 पर देगें जोर
भारत द्वारा रूस से खरीदे गए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम एक बार फिर सुर्खियों में हैं. साल 2018 में भारत ने रूस के साथ 5.4 बिलियन डॉलर (लगभग 35,000 करोड़ रुपये) की डील के तहत 5 यूनिट्स की खरीद की थी. अब तक तीन यूनिट्स की डिलीवरी पूरी हो चुकी है. जबकि बाकी दो यूनिट्स की सप्लाई में देरी हो रही है.
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते मॉस्को का दौरा करेंगे. जहां वे शेष दो स्क्वाड्रन की शीघ्र डिलीवरी पर जोर देंगे. रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी 2025 के अंत तक और पांचवीं यूनिट की 2026 में होने की संभावना जताई जा रही है. S-400 की क्षमता हाल ही में तब सामने आई जब इसे भारत के ऑपरेशन सिंदूर में तैनात किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एयर डिफेंस सिस्टम ने 300 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया.