Andaman And Nicobar Earthquake: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सोमवार की रात तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 बताई है. भूकंप का केंद्र समुद्र की सतह से 10 किलोमीटर नीचे गहराई में बताया जा रहा है. भूकंप इतना तेज था कि इमारतें हिलने लगीं. हालांकि अभी तक किसी तरह की जानमाल की क्षति की सूचना सामने नहीं आई है. आपदा प्रबंधन विभाग हालात पर नजर बनाए हुए है.
जुलाई की शुरुआत से ही देश के कई क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली में जुलाई के महीने में अब तक 3 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसके अलावा 22 जुलाई को गुजरात के कच्छ में भी भूकंप आया था. वैज्ञानिकों ने इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.6 मापी थी.
भूकंप क्यों आता है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती चार परतों से बनी हुई है. इन चार परतों में इनर कोर, आउटर कोर, मैंटल और क्रस्ट शामिल हैं. क्रस्ट और ऊपरी मैंटल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई भागों में बंटी होती है, जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं, जो घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट्स बहुत ज्यादा जोर से हिलती हैं, तो हमें भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
अंडमान और निकोबार में भूकंप
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप की आवृत्ति अधिक है. पिछले 10 वर्षों में, इस क्षेत्र में 511 भूकंप आए हैं, जिनकी तीव्रता 4 या अधिक थी. यह औसतन प्रति वर्ष 51 भूकंप के बराबर है. इस क्षेत्र में सबसे बड़ा भूकंप 1941 में आया था, जिसकी तीव्रता 8 थी .
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