Axiom Mission 4: अंतरिक्ष स्टेशन के चालक दल ने एक्सिओम-4 मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन का स्वागत किया, जब वह भारतीय समयानुसार शाम 5:44 बजे वहां पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद स्टेशन में उतरीं. मिशन पायलट शुक्ला व्हिटसन के पीछे थे. शुक्ला के साथ पोलिश इंजीनियर स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की थे, जो एक मिशन विशेषज्ञ और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी परियोजना के अंतरिक्ष यात्री हैं.
WATCH | #AxiomMission4 crew – Mission Commander Peggy Whitson (US), Mission pilot #ShubhanshuShukla (India) and Mission Specialists Tibor Kapu (Hungary) and Slawosz Uznanski-Wisniewski (Poland) enters the International Space Station (ISS).
— ANI (@ANI) June 26, 2025
(Video: NASA via Reuters) pic.twitter.com/rIEHgdu277
हैच खोलने की प्रक्रिया में लगे एक घंटा 45 मिनट
अंतरिक्ष यान के डॉकिंग के बाद, दोनों के जुड़ने की प्रक्रिया हुई जब यान और आईएसएस को एक दूसरे के साथ हुक के 12 सेट से जोड़ा गया और संचार और पावर लिंक स्थापित किए गए. अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर उतारने से पहले हैच खोलने की प्रक्रिया में एक घंटा 45 मिनट का समय लगा.
शुक्ला दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने, स्पेस सेंटर में प्रवेश करने वाले पहले इंडियन
शुक्ला अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं. इससे पहले भारत के राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में आठ दिन रहे थे. इसके साथ ही यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर पहुंचा है.
नासा लाइव वीडियो जारी किया
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने एक बयान में कहा,‘‘गुरुवार को सुबह 6:31 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे) एक्सिओम मिशन-4 के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा.’’ नासा के सीधे प्रसारित वीडियो में अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष स्टेशन के पास आते हुए दिखाया गया और ‘डॉकिंग’ प्रक्रिया भारतीय समयानुसार दोपहर 4:15 बजे पूरी हुई. अंतरिक्ष यान और आईएसएस के बीच संचार और ऊर्जा संपर्क स्थापित होने के साथ ही ‘डॉकिंग’ प्रक्रिया पूरी हो गई.
स्पेस सेंटर पहुंचकर जताई खुशी
अपनी पांचवीं अंतरिक्ष उड़ान पर पहुंची व्हिटसन ने कहा, ‘‘हम यहां आकर खुश हैं. एकांत में रहने का यह एक लंबा वक्त था.’’ आईएसएस पर पहुंचने के बाद चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने ह्यूस्टन में मिशन नियंत्रण की ओर हाथ हिलाया.