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Ayushman Bharat : गरीबों की बढ़ने वाली है टेंशन, आयुष्मान भारत योजना से अलग हो रहे कई प्राइवेट अस्पताल

Ayushman Bharat : नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के अनुसार, पिछले चार महीनों में आयुष्मान भारत योजना में 443 अस्पताल शामिल हुए. इनमें जनवरी में 161, फरवरी 187, मार्च 40 और अप्रैल में 55 अस्पताल इस सरकारी योजना के तहत आए.

Ayushman Bharat : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में सूचीबद्ध होने वाले अस्पतालों की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. 2024 की तुलना में 2025 में नए अस्पतालों के जुड़ने की रफ्तार काफी धीमी है. सूत्रों के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर प्रकाशित की है. खबर के अनुसार, इसकी प्रमुख वजह भुगतान में हो रही देरी बताई जा रही है. हालांकि, सरकार की ओर से इस विषय में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने बताया कि बीते चार महीनों में आयुष्मान भारत योजना में केवल 443 अस्पताल शामिल हुए हैं. जनवरी में 161, फरवरी में 187, मार्च में 40, अप्रैल में 55 और हाल ही में 20 अस्पताल योजना के तहत जोड़े गए. रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में जहां हर महीने औसतन 316 अस्पताल जुड़ रहे थे, वहीं 2025 में यह आंकड़ा घटकर 111 रह गया है.

प्राइवेट अस्पताल क्यों नहीं ले रहे सरकारी योजनाओं में रुचि

रिपोर्ट के अनुसार, कम पैकेज रेट और भुगतान में देरी प्रमुख कारण हैं. यही वजह है कि प्राइवेट अस्पताल सरकारी योजनाओं में रुचि नहीं ले रहे. NHA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पतालों का जुड़ना जारी है. यह भी संभव है कि नए सिस्टम पर ट्रांसफर होने की वजह से ताजे आंकड़े अभी अपडेट न हुए हों, जिससे वास्तविक संख्या कम दिखाई दे रही हो.

609 प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से हुए अलग

बातचीत के क्रम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के एक पदाधिकारी ने कहा कि पैकेज रेट्स को कम से कम CGHS स्तर तक बढ़ाया जाना चाहिए. IMA ने भी रेट बढ़ाने पर जोर दिया है. यहां चर्चा कर दें कि 2018 से अब तक 609 प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से अलग हो चुके हैं.

Amitabh Kumar
Amitabh Kumar
डिजिटल जर्नलिज्म में 14 वर्षों से अधिक का अनुभव है. जर्नलिज्म की शुरूआत प्रभातखबर.कॉम से की. राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़. राजनीति,सामाजिक संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. ट्रेंडिंग खबरों पर फोकस.

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