Bengaluru Girl Video Viral: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के मशहूर चर्च स्ट्रीट पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. जहां एक युवक को बिना अनुमति के महिलाओं के वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक युवती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बताया कि उसका वीडियो उसकी जानकारी और अनुमति के बिना शूट कर ऑनलाइन डाला गया है. घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है.
क्या है कानून की नजर में ऐसा अपराध?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘निजता का अधिकार’ (Right to Privacy) एक मौलिक अधिकार माना गया है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति किसी की तस्वीर या वीडियो नहीं बना सकता, और न ही उसे सार्वजनिक मंचों पर अपलोड कर सकता है. ऐसा करना व्यक्ति की निजता का उल्लंघन माना जाता है.
कौन-कौन सी धाराएं लग सकती हैं?
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act), 2000 के तहत धारा 66E के तहत यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति किसी के निजी क्षणों की तस्वीर या वीडियो लेता है और उसे प्रसारित करता है, तो यह अपराध है.
कितनी मिलती है सजा
- 3 साल तक की जेल,
- 2 लाख रुपये तक जुर्माना,
- या दोनों हो सकते हैं.
- धारा 67 के तहत क्या है प्रावधान
- यदि कोई व्यक्ति इंटरनेट या किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री प्रसारित करता है, तो भी यह गंभीर अपराध है.
- पहली बार: 3 साल की कैद और 5 लाख रुपये तक जुर्माना
- दोबारा अपराध करने पर: 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक जुर्माना
पुलिस और साइबर सेल की सक्रियता
बेंगलुरु पुलिस और साइबर क्राइम सेल ने इस मामले में तेजी दिखाई है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस वीडियो को भी हटवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने किन-किन लोगों के वीडियो बनाए और किस उद्देश्य से उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया.