Bharat Bandh: 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी इकाइयों के एक मंच ने मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी कॉरपोरेट-समर्थक नीतियों का विरोध करने के लिए इस आम हड़ताल या ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अमरजीत कौर ने बताया, ‘‘हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के भाग लेने की उम्मीद है. किसान और ग्रामीण कर्मचारी भी देशभर में इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनेंगे.’’
बंद से क्या-क्या होंगे प्रभावित
हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि हड़ताल के कारण बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, कारखाने, राज्य परिवहन सेवाएं प्रभावित होंगी.
क्या स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद
भारत बंद के कारण परिवहन सेवाओं पर असर पड़ने की उम्मीद की जा रही है. जिससे स्कूल-कॉजेल भी प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि अभी तक स्कूल-कॉजेल बंद करने को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है.
हड़ताल में जाने वालों ने सरकार पर क्या लगाया आरोप?
हड़ताल पर जाने वालों ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसमें पिछले 10 वर्षों से वार्षिक श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं कर रही है और श्रमबल के हितों के खिलाफ निर्णय ले रही है. मजदूर संगठनों के मंच ने यह आरोप भी लगाया कि आर्थिक नीतियों के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है, जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, मजदूरी में गिरावट आ रही है और शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बुनियादी नागरिक सुविधाओं में सामाजिक क्षेत्र के खर्च में कटौती हो रही है.
मंच ने सरकार पर विदेशी और भारतीय कंपनियों के हित में काम करने का लगाया आरोप
मंच ने कहा कि सरकार ने देश के कल्याणकारी राज्य के दर्जे को त्याग दिया है और विदेशी एवं भारतीय कंपनियों के हित में काम कर रही है और यह उसकी नीतियों से स्पष्ट है जिसे सख्ती से अपनाया जा रहा है.