Bharat Bandh: आज देशभर में ‘भारत बंद’ का व्यापक असर देखने को मिल सकता है. देश के विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी इस दिन राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होंगे. हड़ताल का आह्वान देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा किया गया है, जिसमें किसान संगठनों, ग्रामीण कर्मचारी संघों और सार्वजनिक क्षेत्र के कामगारों का भी समर्थन शामिल है.
क्यों बुलाया गया है भारत बंद?
भारत बंद का मकसद केंद्र सरकार की उन नीतियों का विरोध करना है, जिन्हें मज़दूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक बताया जा रहा है. यूनियनों का आरोप है कि सरकार श्रम सुधारों की आड़ में मज़दूरों के अधिकारों को कमजोर कर रही है, हड़ताल और सामूहिक सौदेबाजी जैसे मूलभूत अधिकारों को समाप्त कर रही है और नौकरी की स्थिति को अस्थिर बना रही है.
भारत बंद के प्रमुख कारण और मुद्दे:
. श्रम सुरक्षा को कमजोर करने वाली चार नई श्रम संहिताएं
. संगठित विरोध और हड़ताल के अधिकारों को सीमित करना
. बेरोज़गारी और महंगाई में बढ़ोतरी
. शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं में निरंतर कटौती
. सेवानिवृत्त कर्मियों की पुनर्नियुक्ति, जबकि युवाओं को नौकरी नहीं
. प्रवासी मज़दूरों को योजनाओं से वंचित करना
. 10 वर्षों से कोई राष्ट्रीय मज़दूर सम्मेलन नहीं
. प्रदर्शनों पर दमन के लिए सार्वजनिक सुरक्षा कानूनों का दुरुपयोग
कौन-कौन संगठन हैं शामिल?
. AITUC (अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस)
. INTUC (भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस)
. CITU (भारतीय ट्रेड यूनियनों का केंद्र)
. HMS (हिंद मज़दूर सभा)
. SEWA (स्व-नियोजित महिला संघ)
. LPF (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन)
. UTUC (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस)