Bhojpuri: देश में करोड़ों लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं. भोजपुरी भाषा 16 देशों में लगभग 25 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है. इस भाषा को मारीशस और नेपाल में संवैधानिक दर्जा हासिल है. लेकिन भारत में भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा अभी तक नहीं मिल पाया है. भोजपुरी को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए भोजपुरी जन जागरण अभियान द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन जंतर-मंतर पर शुक्रवार को किया गया. धरना-प्रदर्शन प्रसिद्ध रचनाकार डॉक्टर संतोष पटेल ने किया. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा को अब तक मान्यता मिल जानी चाहिए लेकिन राजनीतिक कारणों से भोजपुरी को उचित सम्मान नहीं मिल पाया है.
यह भाषा बहुत पुरानी है और कुछ लोग इसको हिंदी की बोली बता कर संविधान में नहीं आने देना चाहते हैं. हमारा संगठन 6 अगस्त 2015 से संसद के हर सत्र में धरना कर सरकार के गृह मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय से मांग करता आ रहा है, लेकिन सरकार अभी तक करोड़ों भोजपुरियों की भावना को नहीं समझ सकी है. उम्मीद है कि मौजूदा सरकार भोजपुरी को जल्द ही मान्यता देगी.
मांग नहीं माने जाने तक जारी रहेगा संघर्ष
धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संगठन के महासचिव मुखदेव बैठा ने कहा कि यह आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार हमारी बात नहीं मान लेती. संगठन मांग माने जाने तक संघर्ष करता रहेगा. संस्था के उपाध्यक्ष सीके भट्ट ने कहा कि अभी हम शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर सरकार हमारी बात नहीं मानी तो हम सड़क पर उतरेंगे और जरूरत पड़ी तो लाखों भोजपुरिया समाज संसद का घेराव भी करेंगे. वहीं महासचिव डॉक्टर पुष्कर ने कहा कि भोजपुरी को सामाजिक मान्यता तो बहुत पहले ही मिल चुकी है, लेकिन दुख की बात है कि अभी तक यह संवैधानिक मान्यता नहीं मिल पायी है.
धरना में राष्ट्रीय संयोजक राजेश भोजपुरिया, कोषाध्यक्ष देवेंद्र कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅक्टर मनोज कुमार, प्रमेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री संतोष कुमार, सरोज ठाकुर सचिव दिल्ली प्रदेश, चंद्रशेखर राय, सचिव दिल्ली प्रदेश, राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार आर्यन कुमार, अमरजीत कुमार, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अमित कनौजिया, जदयू नेता नागेंद्र सिंह पटेल, महासचिव अभिषेक भोजपुरिया और अन्य नेता शामिल हुए.