Brigadier Power In Indian Army: भारतीय सेना में सेवा करना हर देशवासी का सपना होता है, लेकिन इस गौरवशाली संस्था का हिस्सा बनने का मौका कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिलता है. सेना में कई महत्वपूर्ण रैंक होते हैं और इन्हीं में से एक है ब्रिगेडियर एक ऐसा पद जो न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी और नेतृत्व क्षमता की मांग करता है.
क्या होता है ब्रिगेडियर का पद?
ब्रिगेडियर भारतीय सेना में एक वन-स्टार रैंक का अधिकारी होता है. यह रैंक कर्नल से ऊपर और मेजर जनरल से नीचे आती है. नौसेना में यह पद कमोडोर और वायुसेना में एयर कमोडोर के समकक्ष होता है. यह पहला जनरल ऑफिसर रैंक होता है, जिसे हासिल करना कठिन और प्रतिष्ठा भरा माना जाता है.
कैसे बनते हैं ब्रिगेडियर?
ब्रिगेडियर बनने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सेवा शुरू करनी होती है. इसके लिए उम्मीदवार निम्नलिखित रास्तों से सेना में प्रवेश कर सकते हैं:
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)
- संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS)
- इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) या ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA)
- टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES)
सेना में भर्ती के बाद एक ऑफिसर को लेफ्टिनेंट, कैप्टन, मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल और कर्नल जैसे रैंक पार करने होते हैं. इसके बाद ही किसी अधिकारी को ब्रिगेडियर बनने का अवसर मिलता है, वह भी 20 से 22 साल की सेवा और कठोर चयन प्रक्रिया के बाद.
कितने सैनिकों को लीड करता है एक ब्रिगेडियर?
एक ब्रिगेडियर के अधीन एक ब्रिगेड होती है, जिसमें लगभग 3000 से 5000 सैनिक शामिल होते हैं. ब्रिगेडियर को राष्ट्रपति से कमीशन प्राप्त होता है, जिससे उन्हें रणनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर व्यापक अधिकार मिलते हैं.
ब्रिगेडियर की सैलरी और सुविधाएं
ब्रिगेडियर की पे स्केल 13A होती है, जिसमें उन्हें ₹1,39,600 से ₹2,17,600 प्रतिमाह तक बेसिक सैलरी मिलती है. इसके साथ उन्हें अनेक सुविधाएं भी मिलती हैं, जैसे:
- HRA (House Rent Allowance)
- DA (Dearness Allowance)
- मिलिट्री सर्विस पे
- किट अलाउंस
- यात्रा भत्ता और अन्य विशेष भत्ते