BSF: पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा रिहा किए जाने के बाद बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ 14 मई को भारत लौटे और शुक्रवार शाम अपने घर, पश्चिम बंगाल के हुगली जिले पहुंचे. उन्हें पाकिस्तान में लगभग तीन हफ्ते तक बंधक बनाकर रखा गया था. इससे पहले दिन में वे हावड़ा स्टेशन पहुंचे, जहां उनके स्वागत के लिए परिवार और शुभचिंतक मौजूद थे. स्टेशन पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे गूंज उठे. लंबे इंतजार के बाद जैसे ही पूर्णम पहुंचे, उनके पिता भोलेनाथ शॉ ने भावुक होकर उन्हें गले से लगा लिया. माहौल भावुक और गर्व से भरा था.
#WATCH | Rishra, West Bengal: BSF Jawan Purnam Kumar Shaw, who was in the custody of Pakistan Rangers since 23 April 2025 and was later released on May 14th, arrived in Kolkata yesterday
— ANI (@ANI) May 24, 2025
He said, " I feel good…I was worried about my parents, so I came home and met my entire… pic.twitter.com/184d3ElU7e
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत शॉ और उनके परिवार के चारों ओर घेरा बना लिया, क्योंकि सैकड़ों लोग उनसे हाथ मिलाने और उनका अभिवादन करने की कोशिश कर रहे थे. शॉ ने मुस्कुराते हुए मीडिया से कहा, “मैं वापस आकर और अपने प्रियजनों से मिलकर खुश हूं.” इसके बाद शॉ और उनके परिवार को बैटरी से चलने वाली कारों में हावड़ा स्टेशन के नए परिसर से सटे कार पार्किंग स्टैंड तक ले जाया गया.
हमारे इलाके में दिवाली लौट आई, भाई राहुल ने कहा
गृहनगर रिशरा पहुंचने पर पूर्णम का लोगों ने देशभक्ति की धुनें बजा रहे बैंड के साथ स्वागत किया. पूर्णम के घर के पास के स्थानीय क्लब को छोटे-छोटे रंगीन बल्बों की लड़ियों से सजाया गया था. पूर्णम की पत्नी रजनी अपने आंसू नहीं रोक पाईं, जबकि पड़ोसी और परिवार के सदस्य जश्न में मिठाइयां बांट रहे थे. भावुक रजनी ने कहा, “वह (पूर्णम) 17 साल से अर्धसैनिक बल के जवान के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं. वह फिर से सीमा पर लौटेंगे. हमें उन पर गर्व हैं.” उनके भाई राहुल ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे हमारे इलाके में दिवाली लौट आई है.”
अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत लौटे थे पूर्णम
पूर्णम 14 मई की शाम को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत लौटे थे. बीएसएफ कांस्टेबल को 23 अप्रैल को पाकिस्तान रेंजर्स ने उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वह अनजाने में पंजाब के फिरोजपुर जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गये थे. पहलगाम में आतंकवादी हमले के ठीक एक दिन बाद पूर्णम के गलती से सीमा पार करने से सीमा पर तनाव और बढ़ गया था.