BSF: जब भी भारत की सीमा पर किसी भी प्रकार का आक्रमण होता है, तब उस आक्रमण का सामना सबसे पहले बीएसएफ के जवान करते हैं. किसी भी परिस्थिति में 365 दिन और 24 घंटे सीमा सुरक्षा बल के जवान उपलब्ध, सजग और समर्पित रहते हैं. बीएसएफ के जवानों के कारण ही कोई भी आक्रमण सीधा देश की सीमा के अंदर क्षति नहीं पहुंचा पाता क्योंकि उसके सामने सबसे पहले सीमा सुरक्षा बल के जवान का सीना होता है. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर के पुंछ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कर्मियों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही.उन्होंने कहा कि यही कारण सीमा प्रहरियों को देश की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूप में देश का हर बच्चा जानता है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए जम्मू और राजस्थान फ्रंटियर और सुदूर कच्छ सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने पूरी सजगता के साथ देश की सीमाओं की सुरक्षा की. जब पाकिस्तान ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकियों पर किए हुए हमले के जवाब में हमारे रिहायशी इलाके पर हमला किया तब जम्मू फ्रंटियर में लगभग 118 से अधिक पाकिस्तानी पोस्ट्स को तबाह करने और नुकसान पहुचाने का काम बीएसएफ के जवानों ने किया.
पाकिस्तान के निगरानी तंत्र को किया ध्वस्त
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शांति काल में भी बीएसएफ ने अपनी पैनी नज़र पाकिस्तान की पोस्ट्स पर बनाए रखी और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सटीक जानकारी के आधार पर और कम से कम समय में पाकिस्तान की पोस्ट्स को अधिक से अधिक क्षति पहुंचाई. बीएसएफ ने सबसे अधिक नुकसान पाकिस्तान के निगरानी उपकरणों को पहुंचाया है. ऐसी बहादुरी तभी देखने को मिलती है जब देश पर गर्व, दिल में देशभक्ति की भावना और सर्वोच्च बलिदान देने का जज्बा होता है. बीएसएफ के जवानों का समर्पण, शौर्य, पराक्रम और बलिदान आज देश के हर बच्चे की ज़ुबान पर है. इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.