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Bullet Train: समुद्र के नीचे बने टनल का पहले चरण का काम हुआ पूरा

मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए जटिल मार्ग पर काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके लिए मुंबई के बांद्रा-कुर्ला और शिलफाटा के बीच बनी सुरंग का काम पूरा हो चुका है. मुंबई के बीकेसी और थाणे के बीच बुलेट ट्रेन के संचालन के लिए 21 किलोमीटर लंबा टनल समुद्र के नीचे बनाया जा रहा है.

Bullet Train: देश में बुलेट ट्रेन की परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है. हालांकि कोरोना और अन्य कारणों से बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन में देरी हुई है. मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए जटिल मार्ग पर काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके लिए मुंबई के बांद्रा-कुर्ला और शिलफाटा के बीच बनी सुरंग का काम पूरा हो चुका है. मुंबई के बीकेसी और थाणे के बीच बुलेट ट्रेन के संचालन के लिए 21 किलोमीटर लंबा टनल समुद्र के नीचे बनाया जा रहा है. इसमें से सबसे जटिल 2.7 किलोमीटर के हिस्से का काम पूरा हो चुका है और इसके निर्माण में न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मेथड(एनएटीएम) का इस्तेमाल किया गया है.

इस सेक्शन का पांच किलोमीटर हिस्सा इस तकनीक से बनाया जाना है, जबकि बाकी हिस्सा बोरिंग मशीन से बनाया जाना है. इसके अलावा 310 किलोमीटर रूट का वायाडक्ट बनाने का काम पूरा हो चुका है. ट्रैक बिछाने, इलेक्ट्रिक वायर, स्टेशन का निर्माण और पुलों का निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है. यही नहीं अब महाराष्ट्र के इलाके में भी बुलेट ट्रेन के निर्माण का काम तेजी से हो रहा है. बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सिस्टम और अन्य सुविधाओं की खरीद भी तेजी से की जा रही है.  

जापान की आधुनिक तकनीक से चलेगी बुलेट ट्रेन

भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना जापान के सहयोग और तकनीक से बनायी जा रही है. मौजूदा समय में जापान की शिंकासेन ई5 बुलेट ट्रेन का संचालन कर रही है. नयी पीढ़ी की ट्रेन ई10 है. लेकिन दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों में मजबूती को देखते हुए जापानी सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद सेक्शन पर ई10 शिंकासेन बुलेट ट्रेन चलाने का फैसला लिया है. गौर करने वाली बात है कि भारत और जापान में एक साथ ई10 बुलेट ट्रेन संचालित होगी. मुंबई-अहमदाबाद के बीच पूरी 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन परियोजना शिंकासेन तकनीक पर आधारित है. यह गति, सुरक्षा और भरोसे का प्रतीक है.

बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेली हो रहा है. 15 पुल का काम पूरा हो चुका है. कुल 12 स्टेशन में से 5 का काम पूरा हो चुका है, तीन का काम जल्द पूरा होगा. बीकेसी पर बनने वाला स्टेशन इंजीनियरिंग का नायाब नमूना होगा. यह स्टेशन जमीन के 32 मीटर नीचे बन रहा है और इसके ऊपर 95 मंजिला इमारत बनायी जा सकती है. इस सेक्शन पर बुलेट ट्रेन परियोजना की सफलता देश में और बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ करेगी. भावी कॉरिडोर के निर्माण को लेकर विचार किया जा रहा है. रेलवे मंत्रालय की ओर से जारी बयान में इस कॉरिडोर के निर्माण को बड़ी सफलता बताया है. 

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