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11 साल बाद पंजाब में फिर होगी बैलगाड़ी दौड़! विधानसभा में बिल पास, बोले सीएम मान- पारंपरिक खेलों को किया जाएगा पुनर्जीवित

Punjab News: पंजाब में 11 साल बाद एक बार फिर से बैलगाड़ी दौड़ शुरू हो रही है. कानूनी प्रतिबंधों के कारण लुप्त हो रहे पंजाब के पारंपरिक ग्रामीण खेलों के पुनरुद्धार की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की गौरवशाली खेल विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए सभी कानूनी बाधाओं को दूर करेगी.

Punjab News: पंजाब में 11 साल बाद एक बार फिर से बैलगाड़ी दौड़ शुरू हो रही है. विधानसभा में द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (पंजाब संशोधन) विधेयक को मंजूरी के बाद इसका रास्ता साफ हो गया है. इस पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि सिर्फ किला रायपुर नहीं बल्कि पूरे पंजाब में इसका आयोजन किया जाएगा. खेल प्रेमियों की ओर से पारंपरिक खेल प्रेमियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि ग्रामीण पंजाब की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने कहा कि ऐसी दौड़ें प्राचीन काल से पंजाब में आयोजित की जाती रही हैं और हमारी परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव जी ने भी करतारपुर साहिब में अपने प्रवास के दौरान बैलों से खेती की थी.

पारंपरिक खेलों को किया जाएगा पुनर्जीवित- सीएम मान

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि बैलगाड़ी दौड़ पर प्रतिबंध से न केवल पारंपरिक खेलों के प्रेमियों का मनोबल गिरा है, बल्कि हमारी विरासत को भी आघात पहुंचा है. उन्होंने आगे कहा कि पंजाबियों की ओर से एक नया कानून लाने की मांग बढ़ रही है ताकि इन पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित किया जा सके. भगवंत सिंह मान ने कहा कि 11 जुलाई, 2025 को ऐतिहासिक ‘पशु क्रूरता निवारण (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2025’ पंजाब विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था.

यह कानून देशी पशु नस्लों के संरक्षण में करेगा मदद

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह कानून न केवल पंजाब में देशी पशु नस्लों के संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि बैलगाड़ी दौड़ को फिर से शुरू करने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा कि अब इस कानून को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार है, जिसके बाद दौड़ आधिकारिक तौर पर फिर से आयोजित की जा सकेंगी. नए कानून के बारे में बोलते हुए, भगवंत सिंह मान ने बताया कि इसका प्राथमिक उद्देश्य खेलों में भाग लेने वाले पशुओं के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना है, जिसमें पशु चिकित्सा पर्यवेक्षण, सुरक्षा मानक, पंजीकरण और दस्तावेज़ीकरण, और उल्लंघनों के लिए दंड शामिल हैं – ताकि बेजुबान जानवरों पर कोई क्रूरता न हो.

कबूतर बाजी प्रतियोगिता की हो सकती है शुरुआत- सीएम मान

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी घोषणा की कि सरकार कबूतरबाजी प्रतियोगिताओं को फिर से शुरू करने की संभावनाओं पर विचार करेगी. किला रायपुर गांव में आयोजित खेल महोत्सव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 1933 में शुरू हुए इन खेलों को “मिनी ओलंपिक” या “ग्रामीण ओलंपिक” के नाम से जाना जाता है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है और बीबीसी, डिस्कवरी चैनल और अन्य चैनलों ने इन्हें कवर किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के राष्ट्रपति भी अतीत में इन खेलों में शामिल हो चुके हैं.

Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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