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Cabinet: मोदी सरकार ने करोड़ों किसानों को दिया तोहफा

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी है. इसका मकसद किसानों को फसलों का उचित मूल्य मुहैया कराना है. धान के एमएसपी को 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2369 रुपये किया गया है. विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि बजट 2018-19 की घोषणा के तहत की गयी है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारत औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात थी.

Cabinet: खरीफ फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) में वृद्धि करने के फैसले को मंजूरी दी. केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि इस बैठक में पांच महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसमें तीन किसानों के हित से जुड़े हुए है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी है. इसका मकसद किसानों को फसलों का उचित मूल्य मुहैया कराना है. धान के एमएसपी को 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2369 रुपये किया गया है. विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि बजट 2018-19 की घोषणा के तहत की गयी है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारत औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात थी.

सरकार के फैसले से किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे अधिक 63 फीसदी मार्जिन बाजरा पर, मक्का पर 59 फीसदी, तुअर पर 59 फीसदी और उड़द पर 53 फीसदी मिलने की संभावना है. अन्य फसलों पर भी किसानों को उनकी उत्पादन लागत का 50 फीसदी मिलेगा. इस बार सबसे अधिक एमएसपी की वृद्धि 820 रुपये प्रति क्विंटल नागगर सीड पर की गयी है. जबकि रागी पर 596 रुपये, कॉटन पर 589 रुपये की वृद्धि हुई है. 



सरकार दलहन और तिलहन के उत्पादन को दे रही है बढ़ावा

हाल के कुछ वर्षों में सरकार की ओर से अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. खासकर दलहन, तिलहन और अन्न श्री के तहत आने वाले अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इन फसलों पर सरकार की ओर से बेहतर न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराया जा रहा है. केंद्र सरकार सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य में ही वृद्धि नहीं कर रही है, बल्कि अनाज की खरीद को भी बढ़ाने का काम किया है. वर्ष 2004-05 से वर्ष 2013-14 के दौरान 4590 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई, जो 2014-15 से वर्ष 2024-25 के दौरान बढ़कर 7581 लाख मीट्रिक टन हो गयी.

यूपीए सरकार के दौरान धान की खरीद पर 4.44 लाख करोड़ रुपये खर्च हुआ जबकि मोदी सरकार के दौरान 14.16 लाख करोड़ रुपये खर्च किया गया. यूपीए सरकार के दौरान 14 खरीफ फसल की खरीद पर 4.75 लाख करोड़ रुपये खर्च हुआ, जो मौजूदा सरकार के दौरान बढ़कर 16.35 लाख करोड़ रुपये हो गया. मोदी सरकार के कार्यकाल के दाैरान लगभग फसलों की एमएसपी में 80 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है. मोदी सरकार के एमएसपी बढ़ाने के मौजूदा फैसले से लगभग दो लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होने का अनुमान है और इससे करोड़ों किसानों को फायदा होगा. 

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