CBI Raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने बुधवार को रायपुर और भिलाई स्थित उनके आवासों पर छापेमारी की. इसके साथ ही, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बघेल के करीबी सहयोगी के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई. हालांकि, एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये कार्रवाई किस मामले से संबंधित है, लेकिन माना जा रहा है कि यह छापेमारी कथित शराब घोटाले से जुड़ी हो सकती है.
ईडी की पहले की कार्रवाई और आरोप
इससे पहले 10 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन के मामले में भिलाई स्थित बघेल के आवास पर छापा मारा था. ईडी ने यह कार्रवाई बघेल के बेटे और उनके कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल सहित 13 अन्य ठिकानों पर की थी. ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत यह छापेमारी की थी.
बघेल ने बताया BJP की साजिश
तलाशी के दौरान घर पर मौजूद भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि ईडी और सीबीआई की यह कार्रवाई भाजपा की हताशा का परिणाम है. बघेल ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए कहा था कि विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है.
शराब घोटाले से 2,100 करोड़ रुपये का नुकसान
ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी. एजेंसी ने दावा किया है कि इस घोटाले से छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के माध्यम से 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की गई.
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आगे की कार्रवाई पर नजर
सीबीआई और ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है. अब सभी की नजर इस बात पर है कि आगे की जांच में और क्या खुलासे होते हैं और क्या यह मामला भूपेश बघेल के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा.
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