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देश में हिंसा भड़काने और आतंकवाद बढ़ाने के लिए हो सकता है कोरोना का इस्तेमाल : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले यह गलत धारणा पाले हुए हैं कि वे कोरेाना वायरस महामारी का फायदा उठा सकते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों ही विध्वंसकारी वायरस--कोविड-19 और आतंकवाद-- से एक साथ निपटने और उन्हें शिकस्त देने की जरूरत है .

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले यह गलत धारणा पाले हुए हैं कि वे कोरेाना वायरस महामारी का फायदा उठा सकते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों ही विध्वंसकारी वायरस–कोविड-19 और आतंकवाद– से एक साथ निपटने और उन्हें शिकस्त देने की जरूरत है .

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उपराष्ट्रपति ने संभवत: पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत का एक पड़ोसी देश आतंकवादी हरकतों को उकसाने और बढ़ावा देने के लिये अपने नापाक एवं बुरे मंसूबों को जारी रखे हुए. साथ ही, देश (भारत में) कुछ खास समुदायों की सुरक्षा के बारे में झूठा विमर्श तैयार करने के लिये सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है. उन्होंने कहा कि विश्व में दूसरी सबसे विशाल मुस्लिम आबादी वाला देश भारत अपनी आजादी के बाद से ही सभी अल्पसंख्यक समूहों के कल्याण के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहा है और असली मायनों में धर्मनिरपेक्षता का पालन करने में अग्रणी रहा है.

उन्होंने कहा कि अपने लोगों से कैसा व्यवहार करें, इस बारे में किसी को भी भारत को उपदेश देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘आतंकवादी हरकतों को अंजाम देने वाले यह गलत धारणा पाले हुए हैं कि वे (कोविड-19) महामारी से उपजी स्थिति का फायदा उठा लेंगे और अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो जाएंगे.”

नायडू ने कहा कि आतंकी संगठन देश में संकट पैदा करने के लिये सीमा पार से घुसपैठिये भेजने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने जम्मू कश्मीर में हाल ही में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ने के संदर्भ में यह कहा. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के लिये आतंकवाद एक गंभीर चिंता का विषय है और हर राष्ट्र को आतंकवाद का उन्मूलन करने के लिये एकजुट होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘नरमी बरतने के लिये कोई गुंजाइश नहीं है. महामारी से लड़ते हुए विश्व को अवश्य ही आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की भी घोषणा करनी चाहिए.” नायडू ने कहा, ‘‘हमें प्राकृतिक स्वास्थ्य महामारी और मानव निर्मित विध्वंसकारी मनोदशा, दोनों का समाधान ढूंढना होगा.” उन्होने कहा कि ये दोनों ही वायरस विध्वंसकारी हैं और मानव की प्रगति को बाधित करते हैं तथा जीवन की गुणवत्ता को कम करते हैं.

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सभी राष्ट्रों को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों की पहचान करने एवं उन्हें अलग-थलग करने के लिये एक सुर में बोलना चाहिए और उन्हें अलग-थलग करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि दुनिया के समक्ष एक स्वास्थ्य चुनौती है जो हमारी जीवनशैली और कामकाज के तौर तरीकों को बदल रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनौती से हमें व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से निपट रहे हैं.” नायडू ने इस बात का जिक्र किया कि बहुलवाद, सहिष्णुता और विविधिता तथा पड़ोसियों के प्रति सदभाव भारत की राजकीय नीत के प्रमुख तत्व रहे हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन भारत का पड़ोसी देश में कुछ समुदायों की सुरक्षा के बारे में झूठा विमर्श तैयार करने के लिये सोशल मीडिया का व्यापक रूप से इस्तेमाल कर रहा है.

PankajKumar Pathak
PankajKumar Pathak
Senior Journalist having more than 10 years of experience in print and digital journalism.

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