Defense: भारतीय सेना आधुनिकीकरण को तेजी से बढ़ावा दे रही है. आधुनिकीकरण के बीच सेना को तीन अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टर मिला है. हाल ही में आर्मी एविएशन कॉर्प्स में तीन एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हुआ है. इसके शामिल होने से सेना के जवाबी हमला करने की क्षमता काफी बढ़ गयी है. जबकि साल के अंत तक तीन और अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने की संभावना है.
अमेरिका और भारत के बीच पिछले साल अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का समझौता हुआ था. लेकिन विभिन्न कारणों से अमेरिका तय समय में अपाचे हेलीकॉप्टर नहीं दे पाया. हालांकि भारतीय सेना ने समझौता होने के बाद से ही पिछले साल मार्च महीने में ही अपाचे स्क्वाड्रन बनाने और इसके लिए पायलट और ग्राउंड स्टाफ को ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर दिया था. भारतीय सेना ने वर्ष 2020 में लगभग 6 हजार करोड़ रुपये से 6 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का समझौता किया था.
समझौते के तहत मई 2024 तक सेना को 6 हेलीकॉप्टर की आपूर्ति होनी थी. लेकिन कोरोना और अन्य कारणों से आपूर्ति समय पर नहीं हो पायी. अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत यह है कि यह किसी भी मौसम में कम आवाज से सटीक हमला करने में सक्षम है. गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना पहले से अपाचे हेलीकॉप्टर का प्रयोग कर रही है.
सेना की जरूरतों का रखा गया है साख ख्याल
अमेरिका से भारतीय सेना को मिले अपाचे हेलीकॉप्टर में भारतीय मौसम और सेना की जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है. बोइंग द्वारा निर्मित एएच-64 दो इंजन वाला हेलीकॉप्टर है और यह हवा से जमीन पर मिसाइल दागने, रॉकेट और मशीन गन चलाने में सक्षम है. साथ ही आपात स्थिति में सैनिकों को एक जगह से दूसरे जगह तैनात करने में भी मददगार है.
इससे कम दूरी के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल को भी चलाया जा सकता है. यह आधुनिक तकनीक से लैस है और इसे रडार सिस्टम पर पकड़ना मुश्किल है. मौजूदा समय में सेना के पास रुद्र, चीता और चेतक जैसे हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर सेवा में हैं. सेना आने वाले समय में इस हेलीकॉप्टर को सेवा से हटाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में सेना आधुनिक हेलीकॉप्टर के लिए अमेरिका के अलावा अन्य देशों से समझौता कर रही है. साथ ही स्वदेशी निर्माण को भी बढ़ावा दे रही है.