Defence : सेना की आतंकवाद विरोधी अभियान को सशक्त बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है. आतंकवाद से निपटने के लिए सेना को आधुनिक हथियार और उपकरण मिलेंगे. इस बाबत रक्षा मंत्रालय ने आपातकालीन खरीद प्रक्रिया के तहत 13 नये समझौते किये हैं. इसके तहत सेना को 1981.90 करोड़ रुपये के हथियार और उपकरण मिलेंगे. यह खरीद सेना के लिए स्वीकृत 2000 करोड़ के बजट के तहत की गयी है. इस आपात खरीद का मकसद आतंकवाद प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों को आधुनिक हथियार मुहैया कराने के साथ ही उनकी सुरक्षा और कार्रवाई को बेहतर बनाना है. इस खरीद प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जायेगा.
सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. सरकार की मंशा हर स्तर पर आतंकवाद को खत्म करने की है. यह खरीद भारतीय सेना को उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक और पूरी तरह से स्वदेशी प्रणालियों से लैस करने की रक्षा मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह आपातकालीन खरीद व्यवस्था, क्षमता बढ़ाने, महत्वपूर्ण उपकरणों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. अधिकांश उपकरणों की खरीद देशी कंपनियों से की जायेगी. सरकार रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में जुटी हुई है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं.
किन हथियारों और उपकरणों की होगी खरीद
आपातकालीन खरीद प्रक्रिया के तहत दुश्मन के ड्रोन को पहचानने और उसे नष्ट करने की तकनीक, हल्के और कम ऊंचाई पर काम करने वाले रडार, बहुत कम दूरी से हवाई हमले को रोकने वाली मिसाइल और लांचर, दूर से ऑपरेट होने वाले ड्रोन, कई तरह की लाइटिंग म्यूनिशन ड्रोन, सैनिकों की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट और बैलिस्टिक हेलमेट, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल और राइफलों के लिए नाइट साइट्स के अलावा कई अन्य उपकरण शामिल है.
कंपनी सेना को आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन मुहैया कराएगी. इस ड्रोन का पहले ही युद्ध-परीक्षण किया गया है. सरकार की कोशिश उभरती सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए सेना को सशक्त और प्रभावी बनाने की है. समय के साथ आतंकवाद का तरीका बदला है और आतंकवादी आधुनिक हथियार और तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए सेना को आधुनिक बनाया जा रहा है.