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Defense: अब देश में आधुनिक पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की है तैयारी

मौजूदा समय में भारत लड़ाकू विमान के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर है. सरकार इस दिशा में भी आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को स्वदेशी फाइटर जेट प्रोजेक्ट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को मंजूरी दी. इस फैसले से घरेलू एयरोस्पेस इंडस्ट्री को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी. एएमसीए का विकास भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने और देश की रक्षा को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा.

Defense: आने वाले समय में होने वाले युद्ध में वायुसेना की क्षमता और तकनीक का प्रमुख योगदान होगा. भावी चुनौतियों को देखते हुए भारत भी भावी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की तैयारी में जुट गया है. मौजूदा समय में भारत लड़ाकू विमान के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर है. लेकिन सरकार इस दिशा में भी आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को स्वदेशी फाइटर जेट प्रोजेक्ट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को मंजूरी दी. इस फैसले से घरेलू एयरोस्पेस इंडस्ट्री को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी. 

एएमसीए का विकास भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को मजबूत करने और देश की रक्षा को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक इको सिस्‍टम के विकास के लिए उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम मॉडल को मंजूरी देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के जरिये किया जायेगा. इसमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समान मौका मिलेगा. मौजूदा समय में लड़ाकू विमान के लिए भारत अमेरिका और पश्चिमी देशों और रूस पर निर्भर है. देश में लड़ाकू विमानों की कमी भी है. ऐसे में सरकार स्वदेशी निर्मित आधुनिक लड़ाकू विमान के निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया है. 


इस योजना की क्या है खासियत


एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के तहत देश में ही उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए स्वदेशी विशेषज्ञ, क्षमता और सामर्थ्य का उपयोग किया जायेगा. इसका मकसद एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इस बाबत जल्द ही उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान विकास चरण के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जारी करेगा. रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस प्रोजेक्ट की अगुवाई एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी करेगी, जो डीआरडीओ के तहत काम करती है. लड़ाकू विमान के निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ-साथ अब निजी कंपनियों को भी भागीदारी का मौका मिलेगा. इस योजना के जरिये भारत अन्य देश जैसे अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन की तरह विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान का निर्माण करेगा.

ताकि लड़ाकू विमान के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता नहीं रहे हैं. इस योजना के जरिये दुनिया को यह संदेश देना है कि भारत अब  5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान खरीदने की बजाय खुद बनाने का काम करेगा. गौरतलब है कि अप्रैल 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने इस परियोजना के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया था. इसके तहत भारत स्टेल्थ तकनीक का उपयोग करेगा ताकि लड़ाकू विमान को दुश्मन के रडार से बचने में मदद मिल सके. इस विमान में एडवांस एवियोनिक्स के साथ मल्टी रोल क्षमता भी होगी. 

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