Defense: युद्ध सिर्फ सेना द्वारा नहीं, बल्कि पूरे देश द्वारा लड़ा जाता है. मौजूदा समय में तेजी से बदलते सुरक्षा हालात और बदलती जरूरतों के लिहाज से लगातार सुधार करना होता है. सेना की मजबूती और तकनीकी तौर पर दक्ष होना जरूरी है. राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में थोड़ी सी लापरवाही या चूक की गुंजाइश नहीं हो सकती है. शुक्रवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन(डीआरडीओ) कार्यालय में 84वें सशस्त्र बल मुख्यालय नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित करते हुई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले विभिन्न विभागों द्वारा सेना को पर्दे के पीछे मुहैया कराए गए समर्थन के कारण ही ऑपरेशन सिंदूर सफल हो पाया.
युद्ध और शांति काल दोनों समय देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने में वायुसेना मुख्यालय नागरिक सेवा की अहम भूमिका रही है. वायुसेना मुख्यालय सेवा रक्षा मंत्रालय के लिए एक संस्थागत स्मृति के तौर पर काम करती है. प्रशासन में स्थिरता, क्षेत्र विशेषज्ञता और एकरूपता प्रदान करने के साथ ही नीतिगत निरंतरता और नागरिक-सैन्य तालमेल स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. एक आधुनिक और एकीकृत राष्ट्रीय रक्षा प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ है. रक्षा मंत्री ने क्षमता विकास पर जोर देते हुए वायुसेना मुख्यालय के अधिकारियों से प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के क्षेत्र में अन्य मंत्रालयों और उनके द्वारा उपयोग होने वाली आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का प्रयोग करने पर जोर दिया.
सैन्य कर्मचारियों के सभी तरह के समस्या निवारण के लिए पोर्टल हुआ शुरू
रक्षा मंत्री ने एक वेबसाइट को लांच किया. इस वेबसाइट पर सैन्य कर्मी कार्यालय से संबंधित सभी तरह की जानकारी हासिल कर सकेंगे. कर्मचारी पदोन्नति, स्थानांतरण, चिकित्सा भत्ते की स्थिति, वेतन पर्ची और फॉर्म-16 आदि जैसी जानकारी हासिल हो सकेगी. इसके जरिये कर्मचारी रक्षा मुख्यालय प्रशिक्षण संस्थान के विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और कार्यशालाओं के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. राजनाथ सिंह ने ‘विकसित भारत@2047: कर्मचारियों के विचार’ पुस्तक और ‘संवाद’ पत्रिका का भी विमोचन किया. ‘विकसित भारत@2047’ पुस्तक में सेना मुख्यालयों और अंतर-सेवा संगठनों में तैनात विभिन्न रैंक के कर्मचारियों द्वारा लिखे गए 40 लेख शामिल हैं.
यह पत्रिका विकसित भारत से संबंधित विभिन्न विषयों जैसे डिजिटलीकरण, नयी शिक्षा नीति 2020, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, हरित ऊर्जा और गरीबी उन्मूलन से जुड़े हुए हैं. इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (पूर्व-सैनिक कल्याण) डॉक्टर नितिन चंद्रा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉक्टर समीर वी कामत और वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) मयंक शर्मा तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.