Delhi Govt : क्या सीएम रेखा गुप्ता के पति पर सरकारी कामकाज चला रहे हैं? यह सवाल आम आदमी पार्टी (आप) के द्वारा आरोप लगाने के बाद उठ रहे हैं. दरअसल, दिल्ली में शनिवार को उस समय एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया जब विपक्ष की नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के वरिष्ठ अधिकारियों की एक आधिकारिक बैठक में मौजूद थे.
वीरेंद्र सचदेवा ने रेखा गुप्ता का किया बचाव
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसका जवाब देते हुए आतिशी पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया. सचदेवा ने रेखा गुप्ता का बचाव करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि वह कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से इस पद तक पहुंची हैं. परिवार के सदस्यों द्वारा जन प्रतिनिधियों का समर्थन करना बिल्कुल सामान्य बात है.
यह फोटो ध्यान से देखिए। जो व्यक्ति MCD, DJB, PWD और DUSIB के अफसरों की मीटिंग ले रहे हैं, यह दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के पति मनीष गुप्ता जी हैं।
— Atishi (@AtishiAAP) April 12, 2025
हम पहले सुनते थे कि अगर गाँव में एक महिला सरपंच चुन कर आती थी, तो सारा सरकारी काम उसका पति संभालता था। ऐसा कहा जाता था कि… pic.twitter.com/ARMX8u98WR
आतिशी ने ‘एक्स’ पर तस्वीर शेयर की
आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक तस्वीर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार को मुख्यमंत्री के पति चला रहे हैं. उन्होंने इस स्थिति की तुलना ‘‘गांवों में अक्सर देखी जाने वाली स्थिति’’ से की. आतिशी ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘इस तस्वीर को ध्यान से देखिए. जो व्यक्ति एमसीडी, डीजेबी, पीडब्ल्यूडी और डीयूएसआईबी के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, वह दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले हम सुनते थे कि अगर गांव में कोई महिला सरपंच चुनी जाती है, तो सारा सरकारी काम उसका पति संभालता है. लेकिन देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ होगा कि एक महिला मुख्यमंत्री बनी और सारा सरकारी काम उनके पति संभाल रहे हैं.’’
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जवाब में सचदेवा ने कहा, ‘‘यह हैरानी की बात है कि स्वयं एक महिला होने के बावजूद आतिशी एक महिला नेता का अपमान कर रही हैं. रेखा गुप्ता ने जन सेवा के संकल्प के साथ अपने खुद के परिश्रम से डूसू छात्रसंघ सचिव से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा तय की है. उनके पति द्वारा उनका समर्थन किया जाना न तो गैरकानूनी है और न ही अनैतिक.’’