Delhi Govt: दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन मुहैया कराने के लिए दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है. यूनिवर्सिटी परिसर के आसपास दिल्ली सरकार की ओर से फिर से विशेष बस सुविधा शुरू होगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डीयूके सोशल सेंटर स्कूल में नए अकादमी खंड के उद्घाटन के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह छात्रा थी तो यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए एक विशेष बस हुआ करती थी. लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया.
छात्रों के लिए एक बार फिर विशेष बस सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार एक बार फिर युवा विशेष बस शुरू कर रही है, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर जाने वाले मार्गों पर चलेगी. इन बसों में गाने की बजेंगे. उन्होंने कहा कि सामुदायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कॉलेजों की जिम्मेदारी है कि वे कुछ स्कूलों को बेहतर करने की जिम्मेदारी निभाएं. कॉलेज को आसपास के स्कूलों को गोद लेना चाहिए और सामाजिक बदलाव में योगदान में भूमिका अदा करनी चाहिए.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद को सामुदायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया. ताकि हर कॉलेज आसपास के तीन स्कूलों को गोद लेकर स्कूली छात्रों को बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सकें. दिल्ली सरकार की कोशिश शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने की है.
छात्रों को समस्या दूर करने वाला बनना जरूरी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि छात्रों को समस्या का समाधान करने के लिए काम करना चाहिए. छात्र ही भावी समस्या का समाधान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि डीयू में नया एकेडमिक ब्लॉक 21 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड 21 महीने में बनाया गया है. छात्रों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है, जहां देश भक्ति का माहौल पैदा हो. समय के साथ इस भावना में कमी आयी है.
वहीं शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि डीयू में आना मेरे लिए बहुत पुरानी यादें ताजी करने वाला पल है क्योंकि मैंने इस परिसर में कई साल बिताए हैं. डीयू ने देश के विकास के लिए कई डॉक्टर, इंजीनियर और देशभक्त को पैदा किया है. दिल्ली सरकार की प्राथमिकता शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करना तथा सीखने में पहुंच और समानता सुनिश्चित करना है.
यही नहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री ने दिल्ली विधानसभा को पूरी तरह डिजिटल और सौर ऊर्जा युक्त करने की घोषणा की. विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस बनाने के लिए सभी विधायकों को आईफोन, टैबलेट और आईपैड मुहैया कराने का फैसला लिया गया. इन उपकरणों को मुहैया कराने का मकसद राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के तहत विधानसभा को पेपरलेस बनाना है.