Delhi Govt: दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र 4 अगस्त से शुरू होगा. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार बनने के बाद पहली बार पूर्ण सत्र का आयोजन होगा. इस सत्र में निजी स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी को लेकर कानून पेश किए जाने की संभावना है. उपराज्यपाल ने नियमों के तहत पांच दिवसीय सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है. पहली बार दिल्ली विधानसभा का सत्र पूरी तरह पेपरलेस होगा. इस दौरान ई-विधान नेशनल एप्लीकेशन को लागू किया जाएगा. इसके लिए विधायकों को सोमवार से तीन दिन का ट्रेनिंग मुहैया कराने का काम शुरू हो चुका है.
इसके लिए दिल्ली विधानसभा में 18 कंप्यूटर लगाए गए है और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के विशेषज्ञ विधायकों को ट्रेनिंग देने का काम कर रहे हैं. इस सत्र के दौरान निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने वाला विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है. गौरतलब है कि निजी स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी तकरार हो चुकी है. नये नियम के तहत मनमाने तरीके से फीस वृद्धि करने वाले स्कूलों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर निजी स्कूलों को मनमानी करने की छूट दे रही है.
युवाओं के लिए शुरू होगी नयी योजना
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार युवाओं के लिए एक अहम फैसला लिया. इस फैसले के तहत 50 लाख युवाओं को उनके हुनर और प्रतिभा के आधार पर अवसर मुहैया कराने का फैसला लिया गया. कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘हौसले की उड़ान’ योजना के तहत दिल्ली के हर युवा प्रतिभा का उचित मंच प्रदान करना है. दिल्ली सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा कहा कि कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने युवाओं को लेकर एक अहम फैसला लिया. दिल्ली के युवाओं के पास प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन उचित मौका नहीं मिल पाने के कारण कई युवा अपने हुनर का उचित प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं.
अब दिल्ली हम हर विधानसभा क्षेत्र में टैलेंट हंट कार्यक्रम का आयोजन करेगी और फिर राज्य स्तर पर ‘सीएम कप फाइनल’ आयोजित किया जाएगा. गौरतलब है कि हर विधानसभा में लोकल स्तर पर टैलेंट हंट होगा और अंतिम चयनित युवाओं को राज्यस्तरीय मंच पर प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा और सरकार की कोशिश ऐसे युवाओं को आगे लाने की होगी जो आर्थिक या सामाजिक तौर पर वंचित होंगे. झुग्गी बस्तियों में इस कार्यक्रम को खास अभियान के तौर पर चलाया जाएगा.