Disaster Management: प्राकृतिक आपदा के कारण हर साल व्यापक पैमाने पर जान-माल की हानि होती है. हालांकि अब समय से पूर्व मौसम की चेतावनी मिलने के कारण आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिल रही है. लेकिन आपदा प्रबंधन को और बेहतर बनाने का काम किए जाने की जरूरत है. इस बाबत केंद्रीय संचार मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी मिलकर काम करने का फैसला लिया है. इसके लिए आम नागरिकों को आपदा से जुड़ी जानकारी तय समय में मुहैया कराने के लिए मोबाइल आधारित आपदा कम्युनिकेशन सिस्टम का विकास कर रही है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सफलतापूर्वक समग्र अलर्ट सिस्टम को लागू कर रही है.
इस सिस्टम का निर्माण सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स ने किया है. यह सिस्टम देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में लागू है, जिसके तहत आम लोगों को आपदा से जुड़ी जानकारी एसएमएस के जरिए भेजी जाती है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस सिस्टम का व्यापक पैमाने पर उपयोग कर रहा है और इसके तहत 19 क्षेत्रीय भाषा 6899 करोड़ एसएमएस भेजा चुका है.
नयी तकनीक का हो रहा है विकास
आपदा से निपटने में समय का महत्व काफी मायने रखता है. ऐसे में सुनामी, भूकंप, आकाशीय बिजली गिरने, मानव निर्मित आपदा जैसे गैस लीक, केमिकल रिसाव जैसी घटनाओं से निपटने से सेल ब्रॉडकास्ट तकनीक पर का किया जा रहा है. इस तकनीक के तहत प्रभावित इलाके में अलर्ट की सूचना आम लोगों को एसएमएस के जरिये भेजी जाती है और इससे नुकसान को कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए सी-डॉट स्वदेशी तकनीक का प्रयोग कर विकास का काम कर रहा है. राष्ट्रीय स्तर पर सेल ब्रॉडकास्ट सिस्टम को लागू करने के लिए इसकी क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है.
इसकी टेस्टिंग में 2-4 हफ्ते का समय लगेगा और अगर यह सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू कर दिया जायेगी. टेस्टिंग के दौरान लोगों को हिंदी और अंग्रेजी में मैसेज भेजा जायेगा. परीक्षण के दौरान मैसेज मोबाइल पर कई बार प्राप्त हो सकता है. ऐसे में इसे अनदेखा करने की अपील की गयी है. आने वाले समय में इसे मैसेज अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध होगा.