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गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके, घर से निकलकर भागने लगे लोग

नयी दिल्ली : गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. गुजरात में जहां 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, वहीं जम्मू कश्मीर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गयी. गुजरात के राजकोट में भूकंप आने के बाद बताया गया कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 थी. बाद में इसमें सुधार कर बताया गया कि तीव्रता 5.5 थी.

नयी दिल्ली : गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. गुजरात में जहां 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, वहीं जम्मू कश्मीर में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गयी. गुजरात के राजकोट में भूकंप आने के बाद बताया गया कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 थी. बाद में इसमें सुधार कर बताया गया कि तीव्रता 5.5 थी.

नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया है कि गुजरात के राजकोट के पास आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 थी. पहले 5.8 तीव्रता का अनुमान जताया गया था. जम्मू-कश्मीर के कटड़ा के पास भी भूंकप के झटके महसूस किये गये. रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0 मापी गयी. गुजरात में भूकंप के बाद लोग अपने घर से बाहर निकलकर भागने लगे.

नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि गुजरात में राजकोट से 122 किमी उत्तर-उत्तर पश्चिम में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. अभी भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है. पूरा देश अभी कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है ऐसे में चक्रवात और भूकंप से लोगों में दहशत है. पिछले दिनों अम्फान और निसर्ग चक्रवाती तूफान ने काफी तबाही मचायी है.

पिछले एक महीने में दिल्ली-एनसीआर में 11 बार आये भूकंप

उल्लेखनीय है कि पिछले 2-3 महीनों से देश के अलग-अलग इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर की बात करें तो पिछले 45 दिनों में यहां 11 बार भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. दिल्ली-एनसीआर के अलावा जम्मू-कश्मीर, झारखंड समेत देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों के अंदर भूकंप के झटके महसूस किये गये.

राहत भरी खबर यह है पिछले दिनों आये भूकंप की तीव्रता इतनी कम थी की जान-माल का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था. 12 जून को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक बैठक में नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के निदेशक बी के बंसल ने कहा कि दिल्ली के भूकंप के इतिहास को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में मामूली भूकंप के झटके असामान्य नहीं हैं.

बंसल ने कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन जोखिम कम करने के लिए तैयारी और शमन उपाय करना जरूरी है. दुनिया में ऐसी कोई सिद्ध तकनीक नहीं है जिससे स्थान, समय और परिमाण के मामले में निश्चितता के साथ भूकंप की भविष्यवाणी की जा सके. एनडीएमए ने राज्य सरकारों से ऐसे कदम उठाने का अनुरोध किया है जिसमें आगामी निर्माणों में भूकंप के मद्देनजर निर्माण संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित हो और कमजोर भवन का निर्माण नहीं हो.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha

Prabhat Khabar Digital Desk
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